ट्रांसजेंडर का मतलब क्या होता है? Transgender Hindi में जाने

जानकारीट्रांसजेंडर एक ऐसा पेचीदा तथा उलझा हुआ शब्द हैं. जिसका एक से अधिक अर्थ हो सकता हैं. थोड़ा पेचीदा शब्द होने के कारण लोगों को Transgender का मतलब Hindi में समझने में परेशानी होती हैं. यदि आप सिंपल शब्दों में ट्रांसजेंडर का मीनिंग क्या है? Transgender Hindi में जानना और समझना चाहते हैं. तो इस लेख में आप Transgender kya hota hai? ट्रांसजेंडर या थर्ड जेंडर का मतलब अच्छे से समझ जाएंगे.

ज्यादातर लोग ट्रांसजेंडर शब्द को हिजड़ा, छक्का, किन्नर या थर्ड जेंडर के नाम से जानते हैं. Transgender लोगों की पहचान तथा विशेष कर उनका व्यवहार भारत में विस्तृत रूप से फैला हुआ हैं. ट्रांसजेंडर लोगों का हमारे समाज में अहम स्थान हैं. भारतीय संस्कृति में इनका इतिहास सदियों पुराना हैं. 2011 की जनगणना के हिसाब से पूरे भारतवर्ष में लगभग 4.9 लाख किन्नर हैं.

आधुनिक समाज में हमें हिजड़ा, छक्का या थर्ड जेंडर के नाम की जगह Transgender शब्द का नाम ज्यादा सुनने को मिलता हैं. लेकिन क्या ये तीनों शब्द एक ही हैं? या अलग-अलग हैं. क्या हमें इन शब्दों का प्रयोग करना चाहिए? आइए विस्तार से ट्रांसजेंडर का अर्थ, transgender meaning in hindi जान लेते हैं.

ट्रांसजेंडर का मतलब क्या होता है? Transgender Hindi

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ट्रांसजेंडर जितना छोटा शब्द हैं. उसका अर्थ उतना ही पेचीदा तथा जटिल हैं. सिंपल शब्दों में कहे तो Transgender का इस्तेमाल ‘लिंग की एक पहचान’ के तौर पर किया जाता हैं. यानी वह इंसान जो जन्म से ही न तो महिला हैं और न ही पुरुष.

एक ट्रांस पुरुष वह हैं. जो जन्म तो महिला के रूप में लेता हैं. लेकिन वह पुरुष के रूप में पहचाना जाता हैं. ऐसे पुरुष को ट्रांसजेंडर कहा जाता हैं.

एक ट्रांस महिला वह हैं. जो जन्म तो पुरुष के रूप में लेती हैं. लेकिन उसे महिला के रूप में पहचाना जाता हैं. ऐसे महिला को भी ट्रांसजेंडर कहते हैं.

हालांकि सभी Transgender व्यक्ति, महिला या पुरुष के रूप में ही पैदा नहीं होते हैं. कुछ के लिंग जन्म से ही गैर-अनुरूपता या गैर-द्विआधारी यानी जो स्त्री या पुरुष जैसे नहीं होते हैं. उन्हें ‘तीसरे लिंग’ के रूप में पहचाना जाता हैं. इसलिए आप यह कभी ना सोचे की एक Transgender किसी खास लिंग के साथ ही जन्म लेता हैं.

समलैंगिकों की तरह Transgender की कोई लैंगिक अनुरूपता नहीं होती हैं. Transgender व्यक्ति Male और Female दोनों की तरफ आकर्षित हो सकते हैं. यदि एक Male व्यक्ति Female के कपड़े पहनना पसंद करता हैं. तो इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है की वह ट्रांसजेंडर या हिजड़ा हैं. कुछ व्यक्ति अपने विपरीत लिंग के कपड़े भी पहनते हैं. लेकिन उनकी उस लिंग से पहचान नहीं होती हैं.

ट्रांसजेंडर समुदाय का इतिहास हमारी संस्कृति में सदियों पुरानी हैं. महाभारत जैसे महान ग्रन्थ में भी हमें इनका नाम सुनने को मिलता हैं. इसके अलावा कामसूत्र में भी ट्रांसजेंडर व्यक्तियों का कई जगह उल्लेख किया गया हैं. वैसे यदि आप Transgender के विषय में ज्यादा जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं. तो आप निम्न संस्थाओं से संपर्क कर सकते हैं.

  • The Humsafar Trust
  • Transgender India

ट्रांसजेंडर की परिभाषा

ट्रांसजेंडर उस पुरुष या स्त्री को कहा जाता हैं. जिसकी पहचान पैदाइश लिंग से न होकर बल्कि दूसरे लिंग के रूप में हो, या जिसने लिंग-परिवर्तन किया हो.

किन्नर यानी हिजड़ा समुदाय के लोग बाकी Transgender लोगों से इस रूप में भिन्न होते हैं. वे अपने आपको न तो स्त्रीलिंग और न ही पुल्लिंग मानते हैं. बल्कि Third Gender मानते हैं.

किन्नर समुदाय के लोग नाच-गान करते है तथा धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेते हैं. इसके अलावा ये लोग गुरु-चेला परम्परा का अनुसरण करते हैं. लेकिन एक साधारण ट्रांसजेंडर व्यक्ति ऐसा कुछ भी नहीं कर करता हैं. इस लिए उन्हें किन्नर कहना गलत होगा.

ट्रांससेक्‍शुअल का मतलब

ट्रांससेक्‍शुअल का मतलब ऐसे व्यक्तियों से हैं. जिन्होंने जन्म भले ही Male या Female के रूप में लिया हो, लेकिन ऐसे व्यक्ति अपनी पहचान इससे उलट महसूस करते हैं. यानी जन्म पुरुष के तौर पर लेते हैं. लेकिन वह अपने आपको महिला महसूस करते हैं.

इसके उलट महिला के रूप में जन्म लेना, मगर अहसास तथा पसंद-नापसंद पुरुषों जैसा महसूस करता हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दूँ की सभी ट्रांसजेंडर को आप ट्रांससेक्‍शुअल नहीं कह सकते हैं. लेकिन सभी ट्रांससेक्‍शुअल ट्रांसजेंडर के कैटगरी में ज़रूर आते हैं.

ऐसे व्यक्ति स्थायी रूप से सर्जरी और हार्मोन चिकित्सा द्वारा अपना लिंग परिवर्तित करवा लेते हैं. जिसमें वह पहचाना जाता हैं. लिंग परिवर्तित होने की इस प्रक्रिया में आमतौर पर कई सालों लग जाते हैं.

ट्रांसजेंडर का इतिहास

ट्रांसजेंडर लोग का इतिहास आज से नहीं बल्कि प्राचीन काल से चला आ रहा हैं. भारतीय इतिहास के सभी संस्कृति में ट्रांसजेंडर लोगों का उल्लेख मिलता हैं. ऐसा कहा जाता है की आज से 3 हजार साल पहले के इतिहास में किन्नरों को बहुत सम्मान की नजर से देखा जाता था. रामायण, महाभारत के अलावा क्रिश्चियन और बौद्ध समुदायों ने भी किन्नरों को हमेशा सम्मान की दृष्टि से देखा गया. लोग उनके प्रति संवेदनशील होते थे.

लेकिन अंग्रेजों के शासन काल में 1871 अपराधी जनजाति एक्ट आने के बाद से Transgender की स्थिति खराब होनी शुरु हुई. दरअसल हमारे प्राचीन संस्कृत भाषा में 3 Gender स्त्रीलिंग, पुल्लिंग और उभयलिंग का उल्लेख मिलता हैं. जबकि अंग्रेजी में केवल 2 ही जेंडर होते हैं. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद Transgender की स्थिति में सुधार होना शुरु हो गया हैं.

थर्ड जेंडर

ज्यादातर Transgender या ट्रांससेक्शुअल व्यक्ति, Male या Female के रूप में पहचाने जाते हैं. लेकिन दूसरे लोग उन्हें इन दोनों से भिन्न यानी Third Gender (तीसरे लिंग) के रूप में देखते हैं.

आम तौर पर हम स्त्री, पुरुष या तीसरे लिंग को देखकर सीधे-सीधे उनके सेक्‍शुअल ऑरिएंटेशन से जोड़ देते हैं. लेकिन यह गलत हैं. क्यों की यह जरूरी नहीं है की कोई इंसान अपने उलट जेंडर को लेकर ही इमोशनली या रोमांटिक अट्रैक्‍ट हो. किसी ट्रांस वुमन को लड़के पसंद आते हैं, तो किसी को लड़की या फिर किसी को दोनों ही पसंद आते हैं. यह सामान्य सी बात हैं.

ठीक वैसे ही पुरुष को पुरुष पसंद हो सकते हैं, स्‍त्री को स्‍त्री या दोनों या फिर कोई भी पसंद नहीं हो सकता हैं. इन्हें गे, लेस्‍ब‍ियन, बायसेक्‍शुअल या एसेक्‍शुअल कहा जाता हैं. यह सेक्‍शुअल ऑरिएंटेशन हैं. उसके जेंडर की पहचान नहीं हैं.

आपको जानकर ख़ुशी होगी की भारत पहला ऐसा देश हैं. जहां 2014 में Supreme Court ने एक तीसरे लिंग (Third Gender) को मान्यता दी हैं. जो न तो स्त्री है और न ही पुरुष. जिस कारण अब ट्रांसजेंडर लोग अपने पासपोर्ट तथा सरकारी दस्तावेजों पर Male और Female के अलावा Third Gender का चयन कर सकते हैं.

हिजड़ा

भारतीय संस्कृति में हिजड़ो का इतिहास वर्षों पुराना हैं. हिजड़ा वह इंसान हैं. जो पुरुष के रूप में जन्म लेता हैं. लेकिन स्त्री या थर्ड जेंडर के रूप में पहचाना जाता है. भारत में सभी ट्रांस व्यक्ति हिजड़ो के रूप में नहीं पहचाने जाते हैं.

हालांकि कुछ धारणाओं के अनुसार ट्रांससेक्शुअल होना ही हिजड़ा होना हैं. लेकिन दोनों के पहचान में अंतर होता हैं. दरअसल कुछ हिजड़े अपने समुदाय के एक साथ रहते हैं. वे महिलाओं की तरह कपड़े पहनते हैं.

आज भारत वर्ष में हिजड़े को कई तरह के भेदभावों का शिकार होना पड़ता हैं. रोजगार का माध्यम ना होने के कारण हिजड़ो की स्थिति अच्छी नहीं हो पाती हैं. अकसर ऐसे लोग कानून के हाथों या स्वास्थ्य देख-भाल के क्षेत्र में अवहेलना का शिकार होते हैं.

किन्नर / शीमेल

किन्नर शब्द अपने आप में ही रहस्यमय और जिज्ञासा पूर्ण शब्द हैं. पुरुषों और महिलाओं के अलावा मनुष्यों की तीसरी प्रजापति किन्नर कहलाती हैं.

शीमेल शब्द अंग्रेजी में उन ट्रांस-महिलाओं के लिए किया जाता हैं. जिन्हें जन्म के समय लिंग के आधार पर पुरुष कहा गया. लेकिन वह खुद को महिला के रूप में मानती हैं. ऐसे स्थिति में लिंग होते हुए उन्हें बॉडी पार्ट्स की सर्जरी करवाना पड़ता हैं. पुरुष और स्त्री दोनों के अंग होने के कारण इन्हें शी (she) मेल (male) कहा जाने लगा.

ट्रांसजेंडर और ट्रांसवेस्‍टाइट में अंतर भी समझ लीजिए

ज्यादातर लोग ट्रांसजेंडर को गलती से ट्रांसवेस्‍टाइट समझ लेते हैं. जब की ट्रांसवेस्‍टाइट वे लोग होते हैं. जो क्रॉस ड्रेसिंग करते हैं. कहने का मतलब है जो लोग अपने जेंडर के उलट कपड़े पहनना और सजना-संवरना पसंद करते हैं.

उदाहरण के लिए समझ लीजिए वह इंसान जो पैदा पुरुष के रुप में हुआ हैं. लेकिन उसे महिलाएं पसंद हैं. वह लड़कियों की तरह सजना-संवरना और कपड़े पहनना अच्छा लगता हैं.

2014 में सुप्रीम कोर्ट ने दी थर्ड जेंडर को मान्यता

भारत में Transgender लोगों के लिए कानूनी अधिकारों में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं. साल 2014 में सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट ने Transgender लोगों को थर्ड जेंडर यानी तीसरे लिंग के रूप में पहचान की मान्यता प्रदान की हैं.

भारत में अब ट्रांसजेंडर लोग अपनी खुद की पहचान का चयन महिला, पुरुष या ट्रांसजेंडर के रूप में कर सकते हैं. साथ ही उन्हें अपने ऑफिसियल डाक्यूमेंट्स पर भी इसका उल्लेख करने की मान्यता प्राप्त हुई हैं.

इसके अलावा ट्रांसजेंडर लोगों के स्वास्थ्य, शिक्षा, काम, आवास तथा अन्य जरूरी मूलभूत अधिकारों को प्राप्त करने में उत्पन्न होने वाली परेशानियों के समाधान के लिए कानूनी कार्यवाही की भी मांग की गई हैं. इससे अब ट्रांसजेंडर लोग सामाजिक कल्याण योजनाओं से लाभान्वित हो सकेंगे.

L, G, B, T, I और Q का सही मतलब

आम बोलचाल की भाषा में समलैंगिकों को LGBT कहा जाता हैं. यानी की LESBIAN, GAY, BISEXUAL और TRANSGENDER. इसके अलावा कई दूसरे वर्गों को जोड़कर इसे Queer समुदाय भी कहा जाता हैं. इसलिए सभी को मिलाकर इसे LGBTQ के नाम से जाना जाता हैं.

भारतीय इतिहास में किन्नरों से जुड़ी कुछ कहानियाँ

आज भले ही समाज में किन्नरों को एक अलग नजरिए से देखा जाता हैं. लेकिन भारतीय इतिहास में कई ऐसे प्रसिद्ध किन्नर का नाम आता हैं. जिनकी कहानी आज भी लोग सुनते और सुनाते हैं. कुछ मजबूरी वश किन्नर बने तो कुछ श्राप की वजह से किन्नर बने. आइए कुछ ऐतिहासिक किन्नरों के बारे में जानते हैं.

कन्या से किन्नर बने शिखंडी की कहानी

जैसा की आप जानते होगे की कुरुक्षेत्र के मैदान में भीष्म की मृत्यु का कारण शिखंडी बने थे. लेकिन आपको बता दे की पिछले जन्म में शिखंडी एक बहुत ही खूबसूरत राजकुमारी ‘अंबा’ थे.

अंबा सुबल राज्य के राजा ‘शाल्‍व’ से प्रेम करती थीं और उनसे विवाह करना चाहती थी. लेकिन भीष्म ने अंबा का विवाह नहीं होने दिया. दरअसल भीष्म ने अंबा और उनकी दोनों बहनों को बीच स्वयंवर से उठा कर हस्तिनापुर ले आए और उनका विवाह महाराज विचित्रवीर्य से करने का आदेश दे दिया.

इसी कारण भीष्म से बदला लेने के लिए अंबा ने अगले जन्म में किन्नर के रूप में जन्म लिया और यही किन्नर ‘शिखंडी’ के नाम से महाभारत में जाना जाता हैं. जो महाभारत की युद्ध में भीष्म की मृत्यु का कारण बने थे.

अर्जुन के किन्नर बनने की कहानी

आप भी यह जानने के लिए काफी उत्सुक होगे की पांच पांडवों में से एक अर्जुन को आखिर किन्नर क्यों बनना पड़ा. दरअसल इसका उल्लेख महाभारत के वनपर्व के इंद्रलोकाभिगमन पर्व में मिलता हैं. इसके मुताबिक, महाभारत के युद्ध के लिए दिव्य अस्त्रों की शिक्षा प्राप्त करने हेतु अर्जुन के पिता माने जाने वाले इंद्र ने उन्हें स्‍वर्गलोक में बुलाया. लेकिन शस्त्रों का ज्ञान प्राप्त करते वक्त स्वर्ग की अप्सरा उर्वशी अर्जुन पर मोहित हो जाती हैं.

चुकी उर्वशी को पुरुवंश की आदिमाता माना जाता था और उन्हीं के वंशज अर्जुन भी थे. इस लिए अर्जुन ने उर्वशी को अपनाने से मना कर दिया. इस बात से क्रोधित होकर उर्वशी ने अर्जुन को किन्नर बनने का शाप दे दिया.

अर्जुन इस शाप से चिंतित होकर अपनी बाते इंद्र को सुनाई. तो उन्होंने अर्जुन को यह वरदान दिया की वह केवल कुछ समय के लिए ही किन्नर रह सकते हैं. फिर जब चाहें तब वह अपने पुरुषत्व को फिर से दोबारा प्राप्त कर सकते हैं.

अर्जुन अपने 13 वर्ष के वनवास के दौरान अपने भाइयों और माता कुंती के साथ किन्नर का रूप धारण किया था. उन्होंने अपना नाम वृहनल्ला रखा था. उर्वशी से मिले शाप के कारण महान धर्नुधारी अर्जुन को किन्नर बनना पड़ा.

इरावन कहलाते हैं किन्नरों के देवता

इरावन को अरावन देव के नाम से भी जाना जाता हैं. इरावन अर्जुन और नाग कन्या उलूपी का पुत्र था. वह एक कुशल धनुर्धर और मायावी अस्त्रों का ज्ञाता था. दरअसल नागलोक में प्रवास करने के दौरान अर्जुन को नाग कन्या उलूपी से प्रेम हो गया और विवाह उपरान्त पुत्र के रुप में इरावन का जन्म हुआ.

महाभारत के युद्ध में जीत हासिल करने के लिए पांडवों को एक पुरुष की बलि देनी थी. तो इस कार्य के लिए अर्जुन के पुत्र इरावन आगे आते हैं. लेकिन उनकी एक शर्त थी की वह अविवाहित नहीं मरना चाहते थे. ऐसी परिस्थिति में कोई भी पिता अर्जुन के पुत्र इरावन को अपनी बेटी नहीं देना चाहता था.

यह देख भगवान श्री कृष्ण स्वयं मोहिनी रूप में इरावन से विवाह करते हैं. इसके बाद इरावन अपने हाथों से अपना शीश मां काली के चरणों में अर्पित कर देते हैं. इरावन की मृत्यु के बाद श्री कृष्ण उसी मोहिनी रूप में काफी देर तक उसकी मृत्यु का विलाप भी करते हैं.

चुकी श्री कृष्‍ण जी एक पुरुष थे और स्त्री रूप में इरावन से शादी करते हैं. इसलिए किन्नर इरावन को अपना देवता मानते हैं. किन्नर भी हर साल अपने आराध्य देवता ‘इरावन’ से विवाह करते हैं और फिर अगले ही दिन विधवा हो जाते हैं.

किन्नरों से जुड़ी कुछ सीक्रेट बाते

(1) जब किसी किन्नर की मृत्यु होती हैं. तो उसकी अंतिम संस्कार को गुप्त रखा जाता हैं और उनकी अंतिम यात्रा को दिन की जगह रात में निकाली जाती हैं. वह भी गैर-किन्नरों से छिपाकर किया जाता हैं. दरअसल इनकी ऐसी मान्यता है की यदि किसी किन्नर के अंतिम संस्कार को आम इंसान देख लेता हैं. तो मरने वाले का जन्म फिर से किन्नर के रूप में ही होगा.

(2) किसी किन्नर के अंतिम संस्कार से पहले उनके शरीर को जूते-चप्पलों से पीटा जाता हैं. दरअसल उनका मानना है की ऐसा करने से उस जन्म में किए सारे पापों का प्रायश्चित हो जाता हैं.

(3) किन्नर लोग तो वैसे हिन्दू धर्म से जुड़े कई रीति-रिवाजों को मानते हैं. लेकिन उनकी मृत शरीर को जलाया नहीं जाता हैं. बल्कि उनकी मृत शरीर को दफना दिया जाता हैं. साथ ही अपने समुदाय में किसी की मौत होने पर किन्नर अगले एक हफ्ते तक खाना नहीं खाते हैं.

(4) किन्नर समाज अपने किसी सदस्य की मौत के बाद मातम नहीं मनाते हैं. वे लोग ऐसा मानते है की मौत के बाद किन्नर को नरक रूपी जिन्दगी से मुक्ति मिल गई. इस लिए मौत के बाद किन्नर समाज खुशियां मनाते हैं और अपने आराध्य देव इरावन से मांगते हैं की अगले जन्म में मरने वाले को किन्नर ना बनाएं.

(5) किन्नरों की साल में एक दिन शादी होती हैं. यह शादी भी भगवान इरावन से होती हैं और इरावन की मूर्ति को शहर में घुमाया जाता हैं. फिर उसके अगले ही दिन किन्नर अपना श्रृंगार उतार कर विधवा की तरह शोक मनाते हैं और सफेद कपड़े धारण कर लेते हैं.

निष्कर्ष (Transgender Hindi)

हमारे देश में ट्रांसजेंडर, गे, लेस्‍बि‍यन, ट्रांस वुमन, ट्रांसवेस्‍टाइट, क्‍वीर, बायसेक्‍शुअल या एसेक्‍शुअल को लेकर लोग इस लिए काफी कंफ्यूजन होते हैं. क्यों की हमारी हिन्दी भाषा में इन सभी शब्दों के लिए सिर्फ 2 ही शब्द “समलैंगिक और किन्‍नर” का प्रयोग किया जाता हैं.

दरअसल ऐसा इसलिए होता है की क्यों की हमारे समाज या स्‍कूल की किताबों में इनकी चर्चा ही नहीं की जाती हैं. लेकिन मुझे पूरा विश्वास है की यह लेख आपको Transgender का मतलब Hindi में समझाने में जरूर कामयाब हुआ होगा.

उम्मीद करते है अब आप समझ गए होगे की Transgender kya hota hai? यदि आपको यह जानकारी Transgender meaning in Hindi पसंद आया हैं. तो आप इस लेख को सोशल मीडिया साइट्स पर शेयर अवश्य करें. ताकि हमारे समाज के लोगों को ट्रांसजेंडर का मतलब हिंदी में समझने में आसानी हो.

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