दिवाली हिंदू धर्म का बहुत बड़ा तथा प्रमुख त्योहार हैं. यह त्यौहार अंधकार पर प्रकाश की जीत को दर्शाता है. इस दिन विशेष रूप से माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा सभी घरों में की जाती है. Deepawali को “Deep Utsav” के नाम से भी जाना जाता है. अधिकतर विद्यालयों में गुरूजी अपने शिष्यों को दिवाली पर 10 लाइन निबंध लिखने को देते हैं. यह लेख उन विद्यार्थियों के लिए बहुत खास हैं. जो 10 lines on diwali in hindi या दीवाली पर निबंध (Essay on Diwali in hindi) की तलाश कर रहे हैं.
पौराणिक कथाओं तथा मान्यताओं के अनुसार दीपावली के दिन माँ लक्ष्मी सभी के घरों में आकर आशीर्वाद देती है. ऐसा माना जाता है की इस दिन भगवान श्री राम ने रावण पर विजय प्राप्त कर तथा 14 साल का वनवास पूरा कर घर लौटे थे. उनके घर लौटने की खुशी में इस दिन लोग अपने घरों में दीप जलाकर उनका स्वागत किया.
हिंदू पंचांग के अनुसार, Deepawali का त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता हैं. उस हिसाब से इस वर्ष यानी 2022 में दीपावली का त्योहार 24 अक्टूबर, दिन सोमवार को पूरे भारतवर्ष में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा. चलिए दिवाली पर 10 लाइन निबंध (10 lines on diwali in hindi) में लिखना सिख लेते हैं.
दीपावली पर 10 लाइन – 10 lines on diwali in hindi
10 लाइनों में दीपावली त्योहार की मुख्य बाते निम्न हैं.
1) दीपावली का त्योहार सुख-समृद्धि और वैभव का प्रतीक हैं.
2) दिवाली को स्वच्छता तथा रोशनी का त्योहार भी कहा जाता हैं.
3) दीपावली हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को पड़ता हैं.
4) दीपावली का मतलब “दीपों की पंक्ति” यानी पंक्ति में रखे हुए दीपक से हैं.
5) इस दिन सभी के घरों में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश का पूजा किया जाता है.
6) दीपावली के दिन रात के समय माँ लक्ष्मी की पूजन करने का विधान हैं.
7) इस दिन सभी लोग एक दूसरे के घर जाकर दीपावली की बधाई देते है और मिठाईयाँ भी बांटते हैं.
8) दिवाली के दिन बच्चे पटाखे जलाकर खुशियां मानते हैं.
9) इस दिन लोग अपने घरों में मिट्टी के दीपक जलाते है तथा घरों में रंगोली बनाकर सजाते हैं.
10) दीपावली त्योहार भगवान श्री राम द्वारा चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके लौटने की खुशी में मनाया जाता हैं.
दीवाली पर निबंध (Essay on Diwali in hindi)
प्रस्तावना (Introduction)
दीपों का त्योहार “दीपावली” अधर्म पर धर्म की जीत के रूप में मनाया जाता हैं. यह त्योहार हिंदू धर्म में काफी महत्वपूर्ण स्थान रखता हैं. इस पर्व को हिंदू धर्म के अलावा बौद्ध, जैन और सिख धर्म के अनुयायी भी बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं. जैन धर्म में Deepawali को भगवान महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाया जाता है. परंपरा के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को दीपावली का पर्व मनाया जाता है.
ऐसा कहा जाता है की Deepawali का पर्व प्रभु श्री राम के लंका जीतकर अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता हैं. दीपावली के दिन माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा के बिना यह त्योहार अधूरा माना जाता हैं. यह त्योहार प्रेम और सौहार्द को बढ़ावा देता हैं.
दीपावली का अर्थ
दीपावली संस्कृत के दो शब्द “दीप + अवलि” में मिलकर बना हैं.
दीपावली = दीप + अवलि
दीप का अर्थ ‘दीपक’ से है और अवलि का अर्थ ‘पंक्ति’ से हैं. जिसका अर्थ हुआ दीपकों की पंक्ति या कतार में रखे हुए दीपक. दीपावली के दिन पूरा देश दीपकों की रोशनी से जगमगा उठता हैं. इस लिए दीपावली को “रोशनी का त्यौहार” भी कहा जाता हैं.
दीपावली के दिन रोशनी का महत्व
दीपावली के दिन रोशनी के कई महत्व तथा मायने हैं. पहला कारण है प्रभु श्री राम जी के अपने घर वापस लौटने की खुशी.
दूसरा कारण ख़ुद रोशनी हैं. क्यों की रोशनी अंधेरे को मारती हैं. यानी रोशनी अंधेरा दूर करती हैं. फिर चाहे वह रोशनी हमारे अंदर का हो या बाहर का.
दीपावली की तैयारी
कई दिनों पहले से ही दीपावली और धनतेरस को मानने की तैयारियां शुरु हो जाती हैं. लोग अपने घरों को साफ-सफाई तथा दीवारों पर रंगाई-पुताई का कार्यक्रम धनतेरस से पहले ही पूर्ण कर लेते हैं. अपने घर के मुख्य द्वार को रंगोली से सजाते हैं. क्यों की ऐसी मान्यता है की जो घर साफ-सुथरे होते हैं. उन्हीं घरों में ही दीपावली के दिन माँ लक्ष्मी आशीर्वाद देने आती हैं.
दीपावली के निकट आते ही लोग अपने घरों को दीपक तथा भिन्न-भिन्न प्रकार के रंग-बिरंगे लाइट से सजाना शुरू कर देते हैं. दीपावली के दिन पूजा के स्थान पर रखी मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पुरानी मूर्तियां हटाकर नई मूर्तियां रखकर तथा दीपक जलाकर ईश्वर की उपासना करते हैं.
दीपावली की पौराणिक कथाएँ
प्राचीन काल से ऐसी मान्यता चली आ रही है की त्रेतायुग में जब भगवान श्री राम ने लंका के राजा रावण का वध कर अयोध्या लौटे थे. तो इस ख़ुशी में अयोध्या के लोगों ने चारों ओर घी के दीपक जलाकर उनका स्वागत किया था. तभी से सनातन धर्म के अनुयायी हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को भगवान राम का स्वागत करने के लिए दीपक जलाकर दीपावली का त्यौहार मनाते हैं.
दीपावली के दिन माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश का पूजन किया जाता है. दीपावली के दिन शुभ-मुहूर्त पर विधि-पूर्वक माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश जी का पूजन करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है. ऐसी मान्यता है की ऐसा करने से मां लक्ष्मी का घर में वास होता है और धन की कोई कमी घर में नहीं होती हैं.
दीपावली से जुड़ी कुछ सामाजिक कुरीतियां
दीपावली जैसे पवित्र त्यौहार के दिन कुछ असामाजिक तत्व जुआ खेलकर, टोना-टोटका करके इस धार्मिक पर्व को ख़राब करते हैं. उन लोगों को सोचना चाहिए की आज हमारा समाज आधुनिक युग में प्रवेश कर चूका हैं. इसके बावजूद भी रूढ़िवादी समाज में जुआ खेलना, टोना-टोटका करने जैसी परंपरा व्याप्त हैं.
हमारे आधुनिक युग के समाज को ऐसी बुराइयों से दूर रहने का संकल्प लेना चाहिए. दीपावली खुशियों का त्यौहार हैं. यदि ये बुरी कुरीतियाँ दूर हो जाए. तो दीपावली वास्तव में खुशियों का त्यौहार हो जाएगा.
उपसंहार (Conclusion)
दीपावली हमें सिखाती है की जब भी हमारे ऊपर या किसी पर भी कोई परेशानी आए. तो हमें अपने अंदर की रोशनी को जलाकर ज्वाला बना लेना चाहिए. जैसे दीपक खुद को जलाकर जग को रोशन कर देता हैं. वैसे ही हमारे अंदर की ज्वाला हमारे चारों तरफ़ उजाला कर देती हैं.
FAQ: 10 lines on Diwali in hindi
Q1: दीपावली क्यों मनाई जाती है?
Ans: प्रभु श्री राम ने रावण का वध करके 14 वर्ष का वनवास पूरा कर अयोध्या वापस लौटने की ख़ुशी में “प्रकाश का पर्व” दीपावली मनाया जाता हैं.
Q2: दीपावली पर्व किसका प्रतीक है?
Ans: दीपावली का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत तथा निराशा पर आशा की विजय का प्रतीक है.
दीपावली का पर्व हमें यह शिक्षा देती है की निराशा पर आशा की जीत और बुराई पर अच्छाई की हमेशा विजय होती हैं. भगवान राम ने रावण का वध कर हमें सिखाया की अधर्म पर धर्म की हमेशा विजय होती हैं. दीपावली मिलन का त्योहार है. आपस में मिल जुल कर दीपावली का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाए. 2022 पर आप सभी को हैप्पी दीपावली.
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