कंप्यूटर पर निबंध हिंदी में | Computer Essay In Hindi

कंप्यूटर की खोज व आविष्कार आधुनिक युग की एक महान देन हैं. लोगों द्वारा सटीक व तीव्र गति से गणना करने वाली मशीन की माँग व खोज ने कंप्यूटर को जन्म दिया. कंप्यूटर को जन्म लिए आज 2500 वर्ष से भी ज्यादा हो गए हैं. वर्तमान समय में कंप्यूटर घर, दफ्तर या फिर स्कूल हर जगह देखने को मिल जाएंगे. आज हम कंप्यूटर पर निबंध हिंदी में (Computer Essay In Hindi) लिखना जानेंगे.

हमारे रोजमर्रा जिन्दगी में कई ऐसे काम हैं. जिनके लिए हम Computer की मदद लेते है या फिर उससे मिलने वाली इन्फार्मेशन पर निर्भर रहते हैं. Computer की मदद से हम विभिन्न प्रकार के कार्यों जैसे की नौकरी की तलाश, किसी प्रोडक्ट के बारे में जानकारी हासिल करना, एजुकेशन संबंधी कार्य या फिर कहीं घूमने की योजना बहुत ही आसानी से तैयार कर सकते हैं.

आज के आधुनिक युग से जुड़ने के लिए हर किसी को Computer के बारे में जानना बहुत ज़रूरी हैं. यदि आप एक स्टूडेंट हैं. तो आपको पता ही होगा. कंप्यूटर पर निबंध (Computer Essay Hindi) आपके शिक्षक की पसंदीदा विषय होगा. ऐसे में यदि आपके शिक्षक ने भी आपको Computer par Nibandh लिखने को दिया हैं. तो चलिए Essay On Computer In Hindi में लिखना सिख लेते हैं.

Computer Essay In Hindi (कंप्यूटर पर निबंध हिंदी में)

Computer Essay In Hindi

निबंध 1: कंप्यूटर की रचना या अवयव (Anatomy of a Computer)

प्रस्तावना

वर्तमान युग कंप्यूटर युग हैं. Micro Computer व Microprocessor ने हमारे जीवन में क्रान्ति ला दी हैं. आज कंप्यूटर युक्त घड़ियाँ, Calculators, Television, Video Games, Personal Computer व अन्य कई वस्तुएँ मार्केट में उपलब्ध हैं. चलिए कंप्यूटर की रचना के बारे में जान लेते हैं.

कंप्यूटर की परिभाषा

कंप्यूटर वह मशीन हैं. जो दिए हुए आँकड़ों या डेटा पर क्रिया सम्पन्न करती हैं अथवा Data Process करती हैं. Computer के लिए Data गणितीय होना चाहिए. यदि Data गणितीय नहीं हैं. तो उसे Computer से Process करने से पहले गणितीय डेटा में बदलना आवश्यक हैं.

Computer से कोई भी कार्य करने से पूर्व Computer को यह बताना आवश्यक है की उसे वह कार्य कैसे करना हैं. Computer Program के अनुसार कार्य करता हैं. यानी कंप्यूटर श्रेणीबद्ध अनुदेशों के अनुसार कार्य करता हैं.

कंप्यूटर का वर्गीकरण

कंप्यूटर का वर्गीकरण निम्न प्रकार से किया जा सकता हैं.

  1. Digital Computer (डिजिटल या अंकीय कंप्यूटर)
  2. Analog Computer (एनॉलॉग या अनुरूप कंप्यूटर)
  3. Hybird Computer (हाइब्रिड या संकर कंप्यूटर)

डिजिटल या अंकीय कंप्यूटर

इस प्रणाली के Computers में सबसे पहले Mathematical Expression को Binary अंकों में बदलना आवश्यक हैं. उसके बाद ही Computer तेजी से उस डेटा पर प्रक्रिया करता हैं.

डिजिटल कंप्यूटर सिर्फ जोड़ कर सकते हैं. अन्य क्रिया जैसे की गुणा व भाग करने से पहले उन्हें जोड़ के रूप में बदलना आवश्यक होता हैं. उसके बाद ही ये कंप्यूटर गणना कर सकते हैं. अंकीय घड़ी इस प्रकार के कंप्यूटर का बेहतरीन उदाहरण हैं.

एनॉलॉग या अनुरूप कंप्यूटर

एनॉलॉग का अर्थ होता हैं – दो मात्राओं या वस्तुओं के बीच समानता या अनुरूपता स्थापित करना. इस श्रेणी के कंप्यूटर गणना के बजाए माप के सिद्धान्त पर कार्य करते हैं.

एनालॉग कंप्यूटर में Variable विद्युत संकेत होते हैं. जो Physical System के Variables जैसे की दाब, तापक्रम, गति इत्यादि के समान उत्पन्न किए जाते हैं. इस प्रणाली का मुख्य दोष इसकी Accuracy कम होना हैं.

हाइब्रिड या संकर कंप्यूटर अथवा टेली टाइपराइटर

यह प्रणाली Digital व Analog कंप्यूटर प्रणाली के अच्छे गुणों का Combination हैं. इस श्रेणी के Computers में कुछ गणना कंप्यूटर के ऍनालॉग भाग में तथा कुछ गणना कंप्यूटर के डिजिटल भाग में होती हैं। जिस कारण Modem युक्ति की मदद से ऍनालॉग कंप्यूटर के संकेतों को Digital तथा डिजिटल संकेतों को Analog संकेतों में बदल दिया जाता हैं.

निबंध 2: कंप्यूटर का संक्षिप्त इतिहास

प्रस्तावना

विज्ञान और टेक्नोलॉजी के विकास ने मनुष्य को जटिल गणना करने तथा भूमण्डल व भूगर्भ इत्यादि के बारे में जानने की आवश्यकता अनुभव करने लगा. इन कार्यों को पूरा करने में कम्प्यूटर बहुत ही उपयोगी साबित हुए.

Computer मनुष्य के मस्तिष्क की भांति ही कार्य करता हैं. जिस तरह मनुष्य के मस्तिष्क में कई नई और पुरानी बातें याद रहती हैं. उसी प्रकार कम्प्यूटर में मनुष्य के मस्तिष्क से भी कही अधिक सूचनाएँ सुरक्षित रखी जा सकती हैं. कम्प्यूटर के आविष्कार से विज्ञान जगत में क्रान्ति सी आ गई. चलिए कंप्यूटर के संक्षिप्त इतिहास पर computer nibandh लिखना जान लेते हैं.

कंप्यूटर का इतिहास संक्षिप्त में

गणना करने की प्रथम युक्ति का आविष्कार ईसा 3000 वर्ष पूर्व किया गया. जिसे Abacus या गिनतारे के नाम से जाना जाता हैं. लोग आज भी इस युक्ति का उपयोग छोटे बच्चों को गिनती सिखाने के लिए करते हैं.

सन् 1617 में स्काटलैण्ड निवासी John Napier ने Logarithm विधि का आविष्कार कर गणित जगत में तहलका मचा दिया. इसके तीन वर्ष बाद 1620 में जर्मन निवासी William Oughtred ने Slide rule का आविष्कार कर गणित जगत में क्रान्ति ला दी. जिसके कारण इंजीनियरी विज्ञान में गणना करना बहुत सरल हो गया.

1960 के करीब, टेबिल गणक व 1980 में पॉकेट गणक का आविष्कार हुआ. Blaise Pascal ने 18 वर्ष की आयु में प्रथम यांत्रिक गणक बनाया. यह जोड़ व घटाने की गणना करने वाली बहुत ही सरल यांत्रिक मशीन थी. इस मशीन में 10 पहियों को 10 समान खण्डों में बांटा गया था. इन पहियों की परिधि पर 0 से 9 तक अंक अंकित होते थे. इन अंकों की सहायता से जोड़ या घटाने का कार्य किया जाता था.

1671 में जर्मन के निवासी Gottfried Leibnitz ने पास्कल के गणक में दांतेदार पहिए लगाकर कुछ सुधार किया तथा एक सीधी गुणा व भाग करने वाली जटिल गणक मशीन का आविष्कार किया.

1792-1871 में Charles Babbage’s ने अवकल इन्जिन (Difference Engine) नामक गणक मशीन बनाई. यह मशीन गणितीय तालिका का बीजीय व्यंजक का 20 दशमलव स्थान तक सही मान ज्ञात कर सकती थी.

उसके बाद Charles Babbage’s ने एक वैश्लेषिक मशीन (Analytical Machine) बनाई. जो प्रति मिनट 60 जोड़ कर सकती थी तथा उसमें सात (Memory) भी थी.

कंप्यूटर पीढ़ियां (Computer Generations)

सन् 1946 से लेकर आज तक कंप्यूटर की पाँच पीढ़ियाँ आ चुकी हैं. आज भी इनका विकास बहुत तेजी से हो रहा हैं. सबसे पहले कंप्यूटरों में Vacuum Tube का इस्तेमाल किया जाता था. इन कंप्यूटरों का उपयोग 1946 से 1960 तक किया गया. वैसे कंप्यूटर की पाँचों पीढ़ियों की पूरी विस्तृत जानकारी आपको इस लेख में मिल जाएगी.

लेकिन 1960 से कंप्यूटरों के डिजाइनों में काफ़ी तेजी से परिवर्तन किया गया. जिसका नतीजा आज की पाँचवी पीढ़ी का कंप्यूटर हैं. पाँचों पीढ़ी की अवधि काल निम्न प्रकार हैं.

  • प्रथम पीढ़ी – 1946- 1960 (15 वर्ष)
  • दूसरी पीढ़ी – 1960-1965 (5 वर्ष)
  • तीसरी पीढ़ी – 1965 – 1970 (5 वर्ष)
  • चौथी पीढ़ी – 1971 – 1985 (15 वर्ष लगभग)
  • पाँचवीं पीढ़ी – 1985 से अभी तक.

यदि आप कंप्यूटर की पूरी इतिहास जानना चाहते हैं. तो आप कम्प्यूटर का इतिहास एवं विकास कैसे हुआ? के इस लेख को पढ़कर जान सकते हैं.

निबंध 3: कम्प्यूटर क्रान्ति पर निबंध (Computer Revolution)

प्रस्तावना

कम्प्यूटर क्रान्ति ने लोगों के जीवन को बहुत ही सरल बना दिया हैं. आज मनुष्य कम समय में अनेक कार्यों को कर सकता हैं. आज लोग अपने घरों और स्कूलों में कंप्यूटर का इस्तेमाल शैक्षिक कार्यों के लिए कर रहे हैं. शिक्षक अपने शिष्यों को पढ़ाने के लिए कंप्यूटर का उपयोग कर रहे हैं. विद्यार्थी अपने असाइंमेन्ट पूरा करने तथा शोध कार्यों के लिए कंप्यूटर का उपयोग कर रहे हैं.

इसके अलावा ऑफिस में लोग कंप्यूटर का उपयोग पत्र और विज्ञापन बनाने, वेतन का हिसाब किताब रखने में, सामान इत्यादि की सूची तैयार करने के लिए करते हैं.

लोग कंप्यूटर पर गाने सुनकर, गेम्स खेलकर, सिनेमा देखकर, किताबें पढ़कर, विडियो बनाकर घंटों अपना मनोरंजन करते हैं. कंप्यूटर के जरिए हम विश्व के किसी भी कोने की जानकारी मिनटों में प्राप्त कर सकते हैं. डिजिटल क्रांति को हम कैसे काम में लाते हैं. यह पूर्ण रुप से हम पर निर्भर करता हैं.

कम्प्यूटर क्रान्ति (Computer Revolution)

सर्वप्रथम इस संसार में Digital कम्प्यूटर ENIAC (Electronic Numerical Integrator and Calculator Machine) ने सन् 1946 में कार्य करना प्रारम्भ किया. उस समय से लेकर आज तक कंप्यूटर में किए गए परिवर्तन अद्भुत हैं. आज कंप्यूटर का उपयोग घर, स्कूल से लेकर लगभग सभी क्षेत्रों में किया जा रहा हैं.

कंप्यूटर के उपयोग से शायद ही कोई क्षेत्र अब अछूता होगा. आज कंप्यूटर का उपयोग बैंकों में ब्याज की गणना करने, बीमे की राशि ज्ञात करने, रेलों में आरक्षण करने, निर्माण कार्यों में, मौसम संबंधी जानकारी प्राप्त करने, भू खनिज की जानकारी देने इत्यादि जैसे कार्यों में किया जा रहा हैं. आजकल बिजली व पानी के बिल या फिर किसी भी प्रकार का बिल कंप्यूटर की सहायता से बनाए जा रहे हैं.

व्यापार में कंप्यूटर का उपयोग (Computer in Business)

व्यापार के क्षेत्र में कंप्यूटर का इस्तेमाल सबसे पहले 1954 में किया गया. उस समय से लेकर आज तक कंप्यूटर व्यापार सम्बन्धी अनेक प्रकार की जटिल से जटिल कार्यों को करने लगा हैं. जिसकी कल्पना भी शायद उस समय मनुष्यों ने नहीं की होगी.

शुरुआती दौर में कम्प्यूटर का उपयोग व्यापार के क्षेत्र में कर्मचारियों के वेतन का हिसाब रखने, बही-खातों का हिसाब रखने, व्यापार सम्बन्धी आंकड़े तैयार करने इत्यादि जैसे कामों के लिए ही किया जाता था. फिर धीरे-धीरे कम्प्यूटर का उपयोग निर्णय लेने जैसे कि स्टॉक में माल कम करने, नए माल के आर्डर देने इत्यादि के लिए भी होने लगा.

वर्तमान युग में कंप्यूटर से कई महत्त्वपूर्ण कार्यों को सफलतापूर्वक किया जा रहा हैं. आने वाले समय में कंप्यूटर का क्षेत्र और अधिक बढ़ेगा. क्यों की कम्प्यूटर से कार्य बहुत ही तेजी से व कम खर्च पर किए जा सकते हैं.

निबंध 4: कंप्यूटर – एक अद्भुत भेंट

प्रस्तावना

विज्ञान का विकास और मनुष्यों की जरूरतों की वजह से हमें कंप्यूटर एक अद्भुत भेंट के रूप में प्राप्त हुई हैं. कंप्यूटर के आविष्कार ने लोगों के जीवन को ही बदल कर रख दिया हैं.

आज कंप्यूटर हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बन गए हैं. इस डिजिटल युग में सफल होने के लिए हम सभी को कंप्यूटर शिक्षित होना जरूरी हैं. यहाँ कंप्यूटर शिक्षित कहने का मतलब है की कंप्यूटर और इसके इस्तेमाल की सही जानकारी और समझ होनी चाहिए.

कंप्यूटर क्या है?

कंप्यूटर एक ऐसा इलैक्ट्रॉनिक उपकरण हैं. जो अपनी मैमरी में मौजूद निर्देशों के आधार पर काम करता हैं. यह डाटा (input) को ग्रहण कर उसे तय नियमों के अनुसार प्रोसेस कर परिणाम देता हैं और साथ ही भविष्य में इस्तेमाल के लिए उसे स्टोर भी करके रखता हैं.

कंप्यूटर में जो डाटा डाला जाता हैं. वह input कहलाता हैं. तथा Process किए गए परिणाम output कहलाता हैं. यानी की कप्यूटर output निकालने के लिए input को प्रोसेस करता हैं. इसके अलावा कंप्यूटर, अपने स्टोरेज क्षेत्र में आंकडों और सूचनाओं को स्टोर करके भी रखता हैं. जो व्यक्ति कंप्यूटर को चलता हैं. उसे User कहा जाता हैं.

Electric electronic और Mechanical equipment जिनसे कंप्यूटर का निर्माण होता हैं, उसे Hardware कहते हैं. कंप्यूटर के वह भाग जिन्हें छुआ और महसूस किया जा सकता हैं. वे Hardware की श्रेणी में आते हैं जैसे कीबोर्ड, माउस, मॉनिटर, प्रिन्टर इत्यादि.

दूसरी तरफ Software, निर्देशों की वह श्रृंखला हैं. जिससे Hardware किसी काम को करते हैं. बिना सॉफ्टवेयर के हार्डवेयर व्यर्थ हैं. क्यों की किसी भी कार्य को करने के लिए हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर से मिलने वाले निर्देशों पर निर्भर रहते हैं.

सॉफ्टवेर क्या है और कितने प्रकार के होते हैं? की पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए इस लेख को पढ़ सकते हैं.

कंप्यूटर कैसे कार्य करता हैं.

कंप्यूटर पर कार्य करने के लिए उसे यह बताना पड़ता है की उसे क्या कार्य करना हैं. कंप्यूटर एक Program के अन्तर्गत कार्य करता हैं. किसी भी कार्य को करने के लिए कंप्यूटर को दिए गए क्रमबद्ध निर्देशों के समूह को प्रोग्राम कहा जाता हैं.

जब कंप्यूटर कोई कार्य निष्पादित करता हैं. तो वह प्रोग्राम में दिए गए निर्देशों का ही पालन करता हैं. अतः प्रोग्राम में दिए गए निर्देशों के अनुसार कार्य करने से पूर्व कंप्यूटर को उन आदेशों को पढ़कर व व्याख्या करके कार्यान्वित करना होता हैं.

औद्योगिक भाषा में पढ़ने को आकर्षक (Fetching), व्याख्या करने को (interpreting) अवकूटन या डीकोडिंग (Decoding) तथा कार्यान्वित करने (Executing) को पूर्ण करना (Performing) कहलाता हैं.

निबंध 5: कंप्यूटर की सीमाएँ (Limitations of a Computer)

प्रस्तावना

अन्य मशीनों की भाँति कंप्यूटर भी एक ऐसी मशीन हैं. जिससे कोई भी कार्य कराने के लिये उसे निर्देश देने व नियंत्रित करने की आवश्यकता होती हैं.

किसी कार्य का Program बनाने तथा उसे कंप्यूटर की Memory में Store करने तक Computer को उस चीज़ के बारे में कुछ भी पता नहीं होता हैं. उसे यह तक पता नहीं होता है की Data कैसे स्वीकार करना हैं. चलिए कंप्यूटर की क्षमताओं के विषय में जान लेते हैं.

कंप्यूटर की क्षमताएँ

कितना भी अच्छा कंप्यूटर क्यों न हो, उसे यह निर्देश देना ही होता है की “उसे क्या करना हैं?” Computer निम्नलिखित कार्यों को करने में सक्षम होते हैं.

1. आवृत्ति क्रिया (Repetitive Operations):

कंप्यूटर जटिल व आवृत्ति गणना बहुत तीव्र गति से पूर्ण करने तथा एक समय में बहुत सारे सूचनाओं पर कार्यवाही करने के लिए एक बहुत ही शक्तिशाली मशीन हैं. कोई भी कार्य कंप्यूटर बिना थके हुए हजारों बार कर सकता हैं. किसी भी कार्य को बार-बार करने के बावजूद भी कंप्यूटर, मनुष्य की भांति थकान या परेशानी का अनुभव नहीं करता हैं.

2. गति (Speed):

कंप्यूटर किसी भी कार्य पर लाखों गुना तेजी से प्रक्रिया कर उसे पूर्ण कर सकता हैं. जो मनुष्य नहीं कर सकता हैं.

3. लचक या लचीलापन (Flexibility):

प्रोग्राम बनाकर विभिन्न प्रकार की समस्या हल की जा सकती हैं. तथा उन समस्याओं का हल कंप्यूटर द्वारा बहुत तेजी से प्राप्त किए जा सकते हैं.

4. परिशुद्धता (Accuracy):

प्रोग्राम बनाकर कंप्यूटर से वांच्छित Accuracy के परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं.

5. अन्तर्ज्ञान (Intuition):

कंप्यूटर को कोई Intuition नहीं होता हैं. मनुष्य तो किसी समस्या का समाधान Intuition के बिना कोई क्रिया किए भी निकाल सकता हैं. लेकिन कंप्यूटर निर्देशानुसार ही किसी समस्या पर क्रिया कर समाधान देता हैं.

कंप्यूटर व मनुष्य के मस्तिष्क की तुलना

कंप्यूटर कभी भी मनुष्य के दिमाग की जगह नहीं ले सकता हैं. क्यों की कंप्यूटर स्वयं यह निर्णय नहीं ले सकता हैं की कोई कार्य कब और कैसे करना हैं. कंप्यूटर सिर्फ वही कार्य करता हैं. जो उसे करने के लिए कहा जाता हैं.

कंप्यूटर मनुष्य के गुप्त भाव को नहीं पहचानता हैं. यदि आपके इंस्ट्रक्शन में कोई एरर रह गई. तो कंप्यूटर उसका ग़लत परिणाम ही देगा. अतः कंप्यूटर को यह स्पष्ट रूप से बताना होता है की उसे क्या करना हैं?

निबंध 6: हमारे जीवन में कंप्यूटर का महत्व

प्रस्तावना

हमारे जीवन में कंप्यूटर बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता हैं. वर्तमान समय में कंप्यूटर का उपयोग हमारे दैनिक जीवन में काफी बढ़ गया हैं. छोटी से छोटी जानकारी पाने के लिए भी हम कंप्यूटर पर आश्रित हो गए हैं. मानो ऐसा लगता है की कंप्यूटर से हमारा याराना हो गया हैं. हमारे जीवन को सरल बनाने के लिए प्रतिदिन कोई न कोई नई तकनीक विकसित हो रही हैं.

कंप्यूटर का हमारे जीवन में उपयोग

हम अपने जीवन में कंप्यूटर का उपयोग कई तरह के कार्यों को करने के लिए करते हैं. कंप्यूटर से हम स्थानीय और राष्ट्रीय समाचार, मौसम संबंधी जानकारी, खेलों के स्कोर, स्टॉक के दाम, अपने मेडिकल रिकार्ड, बैंक में जमा राशि की जानकारी और ना जाने कितने अनगिनत कार्य कर सकते हैं.

यही नहीं कंप्यूटर के द्वारा हम किसी भी व्यक्ति को संदेश भेज तथा प्राप्त कर सकते है, नए-नए दोस्त बना सकते हैं, खरीदारी कर सकते हैं, घर बैठे किसी भी तरह का कोर्स ऑनलाइन सिख सकते हैं. ए.टी.एम. (ऑटोमेटेड टैलर मशीन) मशीन के द्वारा पैसे निकाल तथा जमा कर सकते हैं.

कंप्यूटर की मदद से हम अपने व्यापार का लेखा जोखा तैयार कर सकते हैं, बिलों का भुगतान, अपनी आय और खर्चों का हिसाब, स्टॉक की खरीदारी और बिकवाली से लेकर अपनी वित्तीय योजनाओं का आंकलन जैसी कई तमाम कार्य आसानी से कर सकते हैं.

इसके अलावा लोग कंप्यूटर का इस्तेमाल संचार के साधन के रुप में करते हैं. यह संचार, मात्र लिखित रूप तक ही सीमित नहीं हैं. आज आधुनिक तकनीक की बदौलत कंप्यूटर के जरिये आवाजें, ध्वनियां, विडियो और ग्राफिक्स भी भेजे जा सकते हैं. यहाँ तक की आज हम जिस व्यक्ति से संचार कर रहें है, उसे देख भी सकते हैं.

कंप्यूटर का उपयोग कहां कहां होता हैं? की पूरी ज्ञान आपको इस लेख में मिल जाएगी.

निबंध 7 (150 शब्द): पर्सनल कंप्यूटर्स क्या हैं?

एक निजी कंप्यूटर यानी PC को खास तौर से व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया हैं. इन्हें आमतौर पर IBM कम्पैटेबल कंप्यूटर्स भी कहा जाता हैं. इन कंप्यूटर में कम से कम एक इनपुट उपकरण, एक आउटपुट उपकरण, एक स्टोरेज उपकरण और मेमोरी तथा प्रोसेसर होते हैं. जिनकी मदद से यह अपने कार्य को पूर्ण करते हैं.

प्रोसेसर या फिर माइक्रोप्रोसेसर एक चिप पर निर्मित सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट होता हैं. जो किसी PC को बनाने का मुख्य आधार हैं. पर्सनल कंप्यूटर्स घरों के साथ साथ बिजनेस में भी काफी लोकप्रिय हैं.

पर्सनल कंप्यूटर्स को एक समय में एक ही व्यक्ति उपयोग कर सकता हैं. यह अपेक्षाकृत छोटे तथा कम खर्चीला वाले सुविधाजनक कंप्यूटर होते हैं. इन कंप्यूटर्स का उपयोग पर्सनल कार्यों के लिए, लेखन, डाटा प्रबंधन, ऑफिस कार्य, पढाई, ऑनलाइन शोपिंग इत्यादि के लिए किया जाता हैं. बाज़ार में एक पर्सनल कंप्यूटर की कीमत करीब 12,000 रुपये से लेकर 5 लाख तक हो सकती हैं.

पर्सनल कंप्यूटर क्या है? और उनके प्रकार के विषय में अधिक जानकारी के लिए इस लेख को पढ़े.

निबंध 8 (100 शब्द): नोटबुक कंप्यूटर क्या हैं?

नोटबुक कंप्यूटर को लैपटॉप भी कहा जाता हैं. नोटबुक छोटे आकार तथा कम वजन वाले कंप्यूटर हैं. इन्हें हम आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जा सकते हैं.

ज्यादातर लैपटॉप बैटरी तथा बिजली से चलते हैं. लैपटॉप वो सारे कार्य करते हैं. जो एक आम कंप्यूटर करता हैं. लेकिन ये आम कंप्यूटर के मुकाबले काफ़ी महंगे होते हैं.

लैपटॉप में की-बोर्ड सिस्टम यूनिट पर लगा होता हैं और इसका मॉनीटर भी सिस्टम यूनिट से ही जुड़ा होता हैं. उन लोगों के लिए लैपटॉप बेस्ट हैं. जिनका काम एक जगह बैठकर नहीं होता हैं. जैसे की बिज़नस ट्रैवर्ल्स. यह था नोटबुक Computer Essay In Hindi.

FAQs: Computer पर Nibandh से सम्बंधित प्रश्न

प्रश्न 1: भारत में विकसित सुपर कंप्यूटर का नाम क्या हैं?

उत्तर: Param-10,000

प्रश्न 2: माइक्रो कंप्यूटर को क्या कहते हैं?

उत्तर: पर्सनल कंप्यूटर

प्रश्न 3: कम कीमत वाले कंप्यूटर क्या कहलाते हैं?

उत्तर: माइक्रो कंप्यूटर

प्रश्न 4: हाइब्रिड कंप्यूटर के मुख्य गुण क्या हैं.

उत्तर: इनमें Digital व Analog दोनों कंप्यूटरों के गुण पाए जाते हैं.

प्रश्न 5: क्या कंप्यूटर में सीखने की क्षमता होती हैं?

उत्तर: नहीं

प्रश्न 6: निर्देशों के समूह को क्या कहते हैं?

उत्तर: प्रोग्राम

प्रश्न 7: प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटरों में क्या इस्तेमाल किया जाता था.

उत्तर: वैक्यूम ट्यूब

प्रश्न 8: बाइनरी कोड को क्या कहा जाता हैं?

उत्तर: मशीनी भाषा

प्रश्न 9: प्रथम गणना करने वाले यन्त्र का क्या नाम था?

उत्तर: अबेकस

प्रश्न 10: आधुनिक कंप्यूटर के जनक कौन हैं?

उत्तर: चार्ल्स बैबेज (Charles Babbage) को आधुनिक कंप्यूटर का जनक कहा जाता हैं.

उम्मीद करते है की कंप्यूटर पर निबंध (Essay on Computer in Hindi) की यह जानकारी आपके लिए उपयोगी रही होगी. यदि आपको यह जानकारी “Computer Essay In Hindi” अच्छी लगी हो. तो आप इस लेख को दूसरों के साथ ज़रूर शेयर करें.

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