Printer एक प्रकार का Electro Mechanical Device हैं. जो binary code में आकड़े प्राप्त कर उसे कागज पर print करता हैं. आधुनिक समय में नई-नई खोजो ने printer के रूप को ही बदल दिया हैं. जिसके कारण बड़े-बड़े Printers की जगह अब Desktop Printer ने ले लिया हैं. आज के इस लेख में आप Printer kya hai? प्रिंटर कितने प्रकार के होते हैं? की पूरी विस्तृत जानकारी प्राप्त करने वाले हैं.
प्रिंटर की मदद से soft copy का print copy यानी hard copy कागज पर प्राप्त हो जाता हैं. Printer किसी Electronic Device में Store किए गए data को image, text के रूप में कागज पर प्रिंट कर देता हैं. उस प्रिंट किए गए कागज का इस्तेमाल हम अनेक कार्यों में अपने जरूरत के हिसाब से करते हैं.
आज हर जगह कंप्यूटर में पड़ी document की hard copy निकालने के लिए Printer का इस्तेमाल होता हैं. प्रिंटर cable की मदद से कंप्यूटर या लैपटॉप से जुड़कर काम करता हैं. लेकिन वर्तमान समय के प्रिंटर हमारे device से Wi-Fi या Bluetooth से भी जुड़कर काम करने लगे हैं.
यदि देखा जाए तो कंप्यूटर में output device के रूप में उपयोग होने वाली मॉनिटर, mouse और keyboard के बाद Printer का ही नंबर आता हैं. प्रिंटर इस लिए भी अहम हो जाता हैं. क्यों की इसके बिना हम document की hard copy निकल ही नहीं सकते हैं. तो चलिए Printer kya hai? Types of Printer in hindi के विषय में जान लेते हैं.
Printer kya hai? What is Printer in hindi
Printer एक मुख्य output device हैं. यह कंप्यूटर से प्राप्त data को paper पर print करता हैं. इस कॉपी को hard copy कहा जाता हैं. Computer के soft copy को hard copy में बदलने का कार्य printer ही करता हैं. इसी कारण इसका उपयोग स्थायी दस्तावेज तैयार करने के लिए किया जाता हैं.
कंप्यूटर Fast होने के कारण Output बहुत तेजी से प्रदान करता हैं. लेकिन प्रिंटर fast नहीं होते हैं. जिसके कारण Printer में ही Memory दिया रहता है। जो वह कंप्यूटर से परिणामों को प्राप्त कर धीरे-धीरे उसे Print करता हैं.
आप जो भी जानकारी text या image के रूप में कंप्यूटर स्क्रीन पर देखते हैं. उसे प्रिंटर हूबहू कागज पर black and white और color में छाप देता हैं. आप कंप्यूटर से किसी भी document को Ctrl+P कमांड देकर उसे प्रिंट कर सकते हैं.
लेकिन सभी printer एक ही तरह के नहीं होते हैं. कार्यशैली के हिसाब से उनके अलग-अलग प्रकार होते है. लोग अपनी जरूरत के हिसाब से उन printers का इस्तेमाल करते हैं. चलिए प्रिंटर के प्रकारों के बारे में जान लेते हैं.
Printer के प्रकार (Types of Printer in Hindi)
प्रिंटर Computer के Input अनुरूप Output देता है। कंप्यूटर प्रिंटर को मुख्यतः तीन समूहों में बाटा जाता हैं.
- Character Printer
- Line Printer
- Page Printer
Character Printer
ये एक बार में एक Character Print करते हैं. इसे सीरियल प्रिंटर भी कहते हैं. Character Printer 200-450 Character/Second print करता हैं.
Line Printer
ये एक बार में एक line print करते है और तीव्र गति से work करते हैं. इस प्रकार के printer 200-2000 Character/Minitue print करते हैं.
Page Printer
इस तरह के प्रिंटर एक बार में पूरा Page Print कर देते हैं. ये विशाल data का print लेने में भी काफी सक्षम होते हैं.
Print करने के तरीके के आधार पर प्रिंटर के प्रकार
Printer को इसके Printing Manner के आधार पर दो भागो में बाटा गया हैं. जो निम्नलिखित हैं..
- Impact Printer
- Non-Impact Printer
चलिए Impact Printer और Non-Impact Printer को विस्तार से समझते हैं। ताकि आप अपने जरूरत के हिसाब से खुद के प्रिंटर का चयन कर सके.
Impact Printer क्या होता है?
इम्पैक्ट प्रिंटर वे Printer होते हैं. जो की machine के संपर्क तथा स्याही लगे रिबन के माध्यम से कागज पर आकृति तैयार करते हैं. दरअसल इस तरह के प्रिंटर कागज, रिबन तथा Character तीनों पर एक साथ चोट कर data को print करते हैं.
Impact प्रिन्टर Typewriter की तरह work करते हैं और Normal Printer की तुलना में ज्यादा ध्वनि पैदा करते हैं. ये प्रिंटर एक बार में केवल एक ही Character या Line को Print करते हैं. इस तरह के प्रिंटर बहुत ज्यादा अच्छी क्वालिटी की Printing नहीं कर सकते हैं. इसी कारण इनका उपयोग कम होता हैं.
लेकिन Bulk Printing करने के लिए इन्हें काफी अच्छा माना जाता हैं. इस तरह के प्रिंटर दूसरे Printers की तुलना में सस्ते होते हैं. Impact Printer का उदाहरण निम्नलिखित हैं.
- Dot Matrix Printer
- Daisy Wheel Printer
- Line Printer
Dot Matrix Printer क्या हैं?
यह एक Character Printer हैं. इन प्रिन्टरों के Print Head पर मेटल के Pin लगे होते हैं. जो आगे-पीछे तथा उपर-नीचे घूमते हैं. इन पिन की संख्या 9 से 24 तक होती हैं. इन्हीं पिनों की संख्या के आधार पर इनकी गुणवत्ता निर्धारित होती हैं. ये पिन कागज पर दबाव के मध्यम से डॉट-डॉट प्रिन्ट करते हैं. कंप्यूटर द्वारा निर्देश मिलने पर उक्त डॉट मिलकर अक्षर का रूप ले लेते हैं.
कंप्यूटर द्वारा प्रिंट का आदेश प्रिंटर की Memory को प्राप्त हो जाता हैं. जिसको Printer का Head कागज पर हूबहू उतार देता हैं. इस तरह के प्रिंटर में Printing खर्च दूसरे प्रिंटरों की अपेक्षा कम आता हैं. लेकिन इन प्रिंटर की Print Quality और Speed अन्य प्रिंटरों के मुकाबले कम होती हैं.
Dot Matrix Printer से ज्यादातर चालान, बिल, रसीद आदि जैसे दस्तावेज निकाले जाते हैं. खास कर इसका उपयोग कार्बन-कॉपी प्रिंटिंग में ज्यादा किया जाता हैं. इन प्रिंटर्स के प्रिंट हेड को घुमाकर उच्च resolution प्राप्त किया जा सकता हैं.
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर थोड़ा ज्यादा शोर उत्पन्न करते हैं और इन प्रिंटर से आप एक बार में केवल एक ही color का print निकाल सकते हैं. इसलिए इसे मोनो प्रिंटर भी कहा जाता हैं. इसकी क्षमता को Dots Per Inch में मापा जाता हैं.
Daisy Wheel Printer क्या हैं?
इस प्रिंटर के Print Head की आकृति एक पुष्प Daisy (गुलबहार) से मिलती जुलती हैं. इसके प्रिंट हेड में एक चक्र या व्हील होता हैं. जिसकी प्रत्येक Spoke में एक Character का ठोस font उभरा रहता हैं. यह प्लास्टिक या धातु का बना होता हैं.
किसी एक Character (अक्षर) को प्रिंट करने के लिए डिस्क को तब तक घुमाना पड़ता हैं. जब तक की वह अक्षर सामने ना आ जाए. उसके बाद हैमर wheel पर चोट करता है तथा वह अक्षर रिबन को चोटकर कागज पर छप जाता हैं. यह एक धीमी गति का प्रिंटर हैं. इसका उपयोग पत्र छापने में कामों से ज्यादा होता हैं.
Line Printer क्या होता हैं?
इस तरह के प्रिंटर एक बार में पूरी लाइन छापते हैं. इसकी Speed 300 to 3000 Lines per Minute तक होती हैं. लेकिन ये काफी आवाज करते है और इनकी प्रिंटिंग भी उतनी attractive नहीं होती हैं. इनका उपयोग बड़े-बड़े संस्थान ज्यादा मात्रा में प्रिंटिंग करने हेतु करते हैं. Line Printer के निम्न तीन उदाहरण है…
- Drum Printer
- Chain Printer
- Band Printer
Drum Printer क्या होता हैं?
इस प्रकार के प्रिंटर में तेज घूमने वाला बेलनाकार ड्रम लगा होता हैं. उन drum की सतह पर अक्षर (font) उभरे रहते हैं. एक बैंड पर सभी अक्षरों का एक समूह होता हैं तथा सभी ड्रम पर ऐसे अनेक बैंड होते हैं. जिससे कागज पर लाइन की प्रत्येक स्थिति में अक्षर छापे जा सकते हैं.
इन प्रिंटर के लगे ड्रम तेजी से घूमते है और एक तेज गति का हैमर प्रत्येक बैंड के उचित अक्षर पर कागज के विरुद्ध टकराकर दबाव बनता हैं और एक घर्षण पूरा होने पर एक लाइन छप जाती हैं.
Chain Printer क्या हैं?
इस प्रिंटर में तेज घूमने वाली एक चेन होती हैं. जिसे print chain कहते हैं. चेन में Character होते हैं. प्रत्येक कड़ी में एक Character का Font होता हैं. प्रत्येक print position पर hammers लगे रहते हैं.
Printer computer line के सभी छपने वाले character प्राप्त कर लेता हैं. Hammer कागज और उचित character से टकराता हैं और एक बार में एक line छप जाती हैं.
Band Printer क्या हैं?
यह प्रिंटर Chain Printer के समान कार्य करता हैं. लेकिन इसमें Chain के स्थान पर steel का एक Print Band लगा होता हैं. Hammer के दबाव से उचित Character एक लाइन के रूप में छप जाते हैं.
Non-Impact Printer क्या होता हैं?
ये ध्वनि मुक्त प्रिंटर होते हैं. क्यों की इस प्रकार के प्रिंटर में कागज पर मशीन अथवा रिबन का कोई समर्पक नहीं होता हैं. बल्कि मशीन द्वारा किरणें डालकर आकृति बनाई जाती हैं. Non-Impact Printer के उदाहरण निम्नलिखित हैं…
- Inkjet Printer
- Laser Printer
- Thermal Printer
Inkjet Printer क्या हैं?
इस प्रकार के प्रिंटर Inkjet तकनीक पर कार्य करते हैं. इसमें पेपर पर छपने वाले बिंदु स्याही की बहुत छोटी-छोटी बूँदों के द्वारा बनाए जाते हैं. ये बिंदु Dot Matrix की तुलना में छोटे तथा नजदीक होते हैं. जिसके कारण अक्षर काफी सुंदर व स्पष्ट आते हैं. यह दो तरह के होते हैं- मोनो और रंगीन.
Inkjet प्रिंटर में स्याही के लिए Cartridge लगाया जाता हैं. यह स्याही नोजल में से पम्प करके कागज पर स्प्रे की जाती हैं. जैसे-जैसे print head चलता हैं. वैसे-वैसे बूँदें अक्षर का रूप धारण करती रहती हैं. स्याही की बूँदें सटीक स्थान पर गिरे, इसके लिए कई तरह के तकनीक अपनायी जाती हैं.
इसमें computer से प्राप्त signal को प्रेशर में परिवर्तित करके उसे स्याही के बर्तन पर डाला जाता हैं. इसे स्याही की बूँदें दबाव द्वारा print head से paper पर गिराती है तथा फलस्वरूप अक्षर या आकृति बन जाती हैं.
इस प्रिंटर से छपे अक्षर बहुत सुंदर होते हैं. लेकिन इनकी गुणवत्ता तथा speed दोनों कम होते हैं. लेकिन इसमें ink का इस्तेमाल होने की वजह से अधिक खर्चीले होते हैं.
Laser Printer क्या हैं?
यह तीव्र गति वाला Paper Printer हैं. अच्छी गुणवत्ता और स्पीड होने की वजह से इस प्रिंटर का इस्तेमाल ज्यादा होता हैं. यह दो तरह के होते हैं- मोनो और रंगीन. ये प्रिंटर बिना किसी आवाज के प्रिंटिंग करते हैं. लेजर प्रिंटर की कार्यविधि photo-state machine की तरह होती हैं.
इस तरह के प्रिंटर में Laser किरणों का प्रयोग किया जाता हैं. किरणों को आठ समतल दर्पण वाले प्रिज्म पर डाला जाता हैं. प्रिज्म घूमता रहता है और लेजर किरण परावर्तित होकर बेलन पर पड़ती हैं. जिसके कारण बेलन पर एक चार्ज बिंदु उत्पन्न हो जाता हैं. इस तरह बेलन पर अक्षर उभर जाते हैं. फिर उस पर सुखा स्याही डाला जाता हैं. जिसे Toner कहते हैं.
पाउडर सिर्फ उन्हीं स्थानों पर लगता हैं. जहाँ प्रकाश बिंदु होते हैं. तब इस बेलन को कागज पर घुमाकर ये अक्षर कागज पर उतर जाते हैं. ये अक्षर अभी स्याही नहीं होते हैं. कागज को थोड़ी गर्मी मिलते ही ये पिघलकर कागज पर स्थायी रूप से चिपक जाते हैं. यह प्रिंटर थर्मल तकनीक पर काम करते हैं. पाउडर (Toner) जितने महीन और उच्च क्वालिटी के होगे. अक्षर उतने ही आकर्षक दिखेंगे.
Thermal Printer क्या हैं?
इसमें Thermochromic कागज का उपयोग होता हैं. जब कागज Thermal Printer Head से गुजरता हैं. तो कागज के उपर स्थित लेप उस जगह काला हो जाता हैं. जहाँ यह गर्म होता हैं.
यह Dot Matrix Printer की तुलना में तीव्र तथा ध्वनिरहित होता हैं. इसमें प्रिंट की क्वालिटी भी काफी अच्छी होती हैं.
उम्मीद करते है अब आप अच्छे से समझ गए होगे की Printer kya hai? Types of Printer in hindi, यदि आपके मन में अभी भी Printer kya hai? से जुड़ा कोई सवाल हैं. तो आप नीचे comment जरूर करें.
अगर आपको Printer क्या हैं और प्रिंटर कितने प्रकार के होते हैं? की यह जानकारी आपको लेख पसंद आया हो. तो आप इस लेख को सोशल मीडिया साइट्स पर जरूर शेयर करें. ताकि लोगों को Printer kya hai? के विषय में सही जानकारी प्राप्त हो सके.
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