इंटरनेट क्या है? What is internet in hindi

इंटरनेट क्या है? (What is internet in hindi) इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी के युग में Internet सूचना एवं आकड़ों को आदान-प्रदान करने का सबसे बेहतरीन साधन हैं. आज शायद ही कोई क्षेत्र इंटरनेट से अछूता होगा. इंटरनेट की वजह से ही आज विश्वव्यापी दूरियाँ मिट गयी हैं. आज हम विस्तार से सीखेंगे की internet kya hai? इंटरनेट की परिभाषा, विशेषताएँ, इतिहास, फायदे, नुकसान इत्यादि.

हम इंटरनेट की मदद से किसी भी समय कोई भी ट्रोपिक पर विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. आज सरकारी संस्थान से लेकर शिक्षा, मीडिया, फिल्म जगत, कृषि, व्यावसायिक संस्थान सभी जगहों पर इंटरनेट का इस्तेमाल किया जाता हैं.

इंटरनेट भिन्न-भिन्न networks का एक ऐसा जाल हैं. जिसमें प्रत्येक network एक ऐसे माध्यम से जुड़ा होता हैं. जो अन्य networks से सूचनाओं एवं आकड़ों का आदान-प्रदान करता हैं. एक तरह से यह देश व्यापी एवं विश्वव्यापी computers के network का जाल हैं.

Internet विभिन्न सूचनाओं और सेवाओं जैसे की electronic mail, file transfer & sharing, online chatting, world wide web इत्यादि को carry करता हैं. किसी भी कंप्यूटर या डिवाइस को Internet से जोड़ने के लिए हमें Internet Service Provider की सेवा लेनी पड़ती हैं.

इंटरनेट कंप्यूटर पर आधारित विश्वव्यापी सूचनाओं का तंत्र हैं. इसे Information Superhighway भी कहा जाता हैं. चलिए विस्तार पूर्वक जान लेते है की इंटरनेट क्या है? What is internet in hindi, Internet का इतिहास क्या हैं? इंटरनेट कैसे काम करता हैं? इंटरनेट का विशेषताएँ क्या हैं? इत्यादि.

इंटरनेट क्या है? What is internet in hindi

What is internet in hindi

नेटवर्कों के नेटवर्क को इंटरनेट कहा जाता है. इसमें विभिन्न प्रकार के कम्प्यूटर एक-दूसरे से विभिन्न माध्यमों से जुड़े होते हैं. इंटरनेट के द्वारा सूचनाओं एवं आकड़ों का आदान-प्रदान किया जाता हैं.

Internet असीमित दायरे में फैले हुए एकाकी कंप्यूटरों का जाल हैं. यह सूचना एवं आकड़ों के लिए सुपर हाईवे के समान हैं. इंटरनेट का पूरा नाम इंटरनेशनल नेटवर्क हैं. इसे हिंदी में ‘अंतरजाल‘ कहा जाता हैं.

इन्टरनेट एक ऐसा विस्तृत एरिया नेटवर्क हैं. जिसमें कंप्यूटरों के मध्य संचार Telephone एवं कृत्रिम उपग्रहों के माध्यम से होता हैं. यह TCP/IP (Transmission Control Protocol / Internet Protocol) प्रोटोकॉल का उपयोग करते हुए Data को पैकेट स्विचिंग के द्वारा आदान-प्रदान करते हैं.

दरअसल इन्टरनेट पर सूचनाओं एवं आकड़ों के आदान-प्रदान के लिए पूर्व परिभाषित नियम, प्रक्रियाएँ एवं सन्धियाँ हैं. जिन्हें Protocol कहा जाता हैं. वर्तमान प्रोटोकॉल TCP और IP ये दोनों मिलकर internet की भाषा का निर्माण करते हैं. जिसे Experanto कहते हैं.

TCP प्रत्येक सुचनाएँ एवं आकड़ों को छोटे टुकडो में बाटने का काम करता हैं, जिसे पैकेट कहते हैं. प्रत्येक पैकेट पर भेजने वाले का नाम व पता लिखा होता हैं. IP इन पैकेट को विभिन्न संभावित रास्तों में से किसी रास्ते द्वारा उसके लक्ष्य तक पहुँचाता हैं.

भारत में internet सेवा का आरम्भ 15 August 1995 को हुआ था. कंप्यूटर को इन्टरनेट से जोड़ने का काम web browser करता हैं. वेब ब्राउज़र एक software हैं. जैसे की Chrome, Opera, Microsoft Internet Explorer, Safari इत्यादि. इन वेब ब्राउज़र की मदद से हम अपने पसंद की कोई भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

इंटरनेट की परिभाषा (Internet Ki Paribhasha)

इंटरनेट को नेट भी कहा जाता हैं. हम इंटरनेट को निम्न प्रकार से परिभाषित कर सकते हैं.

असीमित दायरे में फैले हुए एकाकी कंप्यूटरों का जाल इंटरनेट कहलाता हैं. यह एक ऐसा विश्वव्यापी कंप्यूटरों का अन्तर सामंजस्य समूह हैं. जिसमें सूचना एवं आकड़ों का आदान-प्रदान होता हैं.

वर्तमान समय में इंटरनेट से कितने कंप्यूटर जुड़े हैं. यह कोई भी ठीक से नहीं बता सकता हैं. हलांकि यह ज़रूर तय है की इनकी संख्या लाखों में है और दिन ब दिन इनकी संख्या बढ़ती ही जा रही हैं.

इन्टरनेट का इतिहास (History of Internet in hindi)

सन 1969 में अमेरिका के सैन्य विभाग द्वारा वैज्ञानिक प्रयोग एवं खोज के लिए प्रथम संचार नेटवर्क ARPA net (Advance Research Project Agency) को विकसित किया गया. वास्तव में यह पहली बार इस्तेमाल में लाया गया Internet था. उस समय गोपनीय ख़तो को Computer के जरिये भेजने के लिए इस Network को बनाया गया था. इसी का नाम ARPANET रखा गया.

उसके बाद इस network प्रणाली को शिक्षण संस्थानों तथा धीरे- धीरे व्यावसायिक संगठन से जुड़ने की वजह से यह Internet में परिवर्तित हो गया. 1982 में इस network के लिए सामान्य नियम बनाया गया. इन्हें प्रोटोकॉल कहा गया.

इंटरनेट की कार्य (Working) प्रणाली

Internet की नेटवर्किंग प्रणाली में एक या एक से अधिक केन्द्रीय कंप्यूटर होते हैं. जिन्हें Server कहते हैं. सर्वर एक कंप्यूटर के ही तरह होता हैं. जो अलग-अलग क्षमताओं के साथ आता हैं. इन Server में सम्पूर्ण सूचनाएँ एवं आकड़े स्थायी रूप से stored होते हैं. सर्वर के माध्यम से सूचना एवं आकड़ों का स्थानान्तरण भी किया जाता हैं.

इन्टरनेट बहुत ही बलशाली एवं गतिशील संचार माध्यम हैं. विश्व में Internet का आरम्भ 1969 के करीब हुआ था. उस समय इसका इस्तेमाल सिर्फ शैक्षिक या रक्षा सम्बन्धी कार्यों में किया जाता था.

इन्टरनेट को आप कंप्यूटरों के विश्वव्यापी नेटवर्क के रूप में परिभाषित कर सकते हैं. जो एक प्रोटोकॉल के जरिए संचार होता हैं. इन्टरनेट का एक world wide web (www) हैं. जिसे हम WEB भी कहते हैं. इन्टरनेट में वर्ल्ड वाइड वेब की भूमिका बहुत ही अहम हैं.

इन्टरनेट की महत्वपूर्ण सेवाएं

इन्टरनेट की कुछ महत्वपूर्ण सेवाएं निम्न हैं. जिसका इस्तेमाल लोगों द्वारा किया जाता हैं.

(1) ई-मेल: E-mail का पूरा नाम Electronic Mail होता हैं. इ-मेल का स्थानान्तरण Electronic रूप में एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में होता हैं. जिस प्रकार डाक द्वारा Letter भेजने के लिए हमें उस व्यक्ति का पता ज्ञात होना चाहिए. ठीक उसी तरह किसी को भी ई-मेल द्वारा सन्देश भेजने के लिए हमें उस व्यक्ति का Email Address पता होना चाहिए. ई-मेल एड्रेस क्या होता हैं? की पूरी जानकारी आपको इस लेख में मिल जाएगी.

(2) यूजनेट: यह इंटरनेट के माध्यम से विचार-विमर्श करने का विश्वव्यापी साधन हैं. इसमें इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के विशिष्ट समूह (Special Group) बने होते हैं और ये समूह आपस में विभिन्न विषयों पर अपनी रुचि के अनुसार विचार-विमर्श कर सकते हैं. किसी विषय के विशिष्ट समूह को Usenet में News Group कहा जाता हैं.

(3) टेलनेट: यह सुविधा भौगोलिक दृष्टि से अलग-अलग स्थानों पर रखे कंप्यूटरों के मध्य समर्पक स्थापित करने की सुविधा प्रदान करता हैं. इस सुविधा के कारण पृथक स्थानों पर रखे कंप्यूटर पर उपलब्ध डाक्यूमेंट्स व सॉफ्टवेर इत्यादि का प्रयोग कर सकते हैं.

सिंपल शब्दों में कहे तो Telnet इंटरनेट पर उपलब्ध एक ऐसी सुविधा हैं. जिसके माध्यम से आप किसी भी दूसरे व्यक्ति के कम्प्यूटर को अपने कम्प्यूटर से जोड़ सकते हैं और उसके कम्प्यूटर पर संचित फाइलों का उपयोग कर सकते हैं. Telnet के उपयोग से आप अपने कम्प्यूटर का उपयोग विश्व में कहीं भी कर सकते हैं.

(4) गोफर: यह सुविधा विश्व की अनेको लाईब्रेरी तथा सर्वेरों से सूचना उपलब्ध कराने का सरलतम मध्यम हैं.

(5) आर्ची: आर्ची सर्वर एक समूह हैं. जिसके माध्यम से सूचनाओं को ढूँढा जा सकता हैं.

(6) ई-कॉमर्स: दूर स्थित व्यक्तियों तथा संस्थानों के द्वारा इंटरनेट के माध्यम से वस्तुओं तथा सेवाओं की खरीद-बिक्री या लेन-देन किया जाता हैं. इसी सुविधा को ई-कॉमर्स कहा जाता हैं. E-Commerce साइट्स हमें घर बैठे खरीददारी (Shoping) करने का मौका प्रदान करते हैं.

(7) ऑनलाइन कम्युनिकेशन: इस संचार व्यवस्था में सन्देश भेजने वाला व्यक्ति (User) तथा सन्देश प्राप्त करने वाला व्यक्ति एक ही समय में Internet द्वारा आपस में जुड़े रहते हैं. जिस कारण सन्देश भेजने वाला व्यक्ति जो संदेश अपने कम्प्यूटर के Message Box में टाइप करके सेंड करता हैं. वह सन्देश प्राप्तकर्ता के मॉनीटर पर तुरंत प्रदर्शित हो जाता हैं. इस प्रकार की इन्टरनेट सर्विस को Computer की भाषा में चैटिंग (Chatting) कहा जाता हैं.

(8) ऑनलाइन बैंकिंग: इन्टरनेट की मदद से आप कभी भी पैसों का लेन-देन (Transaction) कर सकते हैं.

(9) Internet पर अनेक कम्पनियों के एप्लीकेशन Software को मुफ्त में डाउनलोड (Download) कर सकते हैं. उदाहरण- म्यूजिक, मूवी, ग्राफिक्स, एनीमेशन, गेम इत्यादि को डाउनलोड करके कम्प्यूटर की हार्डडिस्क में संग्रहित किया जा सकता हैं.

(10) इन्टरनेट का शिक्षा (Education) के क्षेत्र में व्यापक उपयोग हो रहा हैं. आज ऑनलाइन परीक्षा, परीक्षा परिणाम की प्राप्ति, प्रवेश पत्र भरने की सुविधा, दूरगामी शिक्षा, शिक्षा सम्बन्धी सूचना पलक झपकते ही हमारे कम्प्यूटर पर प्रदर्शित हो जाती हैं.

(11) इन्टरनेट पर किसी भी व्यवसाय, संस्था इत्यादि की सम्पूर्ण जानकारी को एक वेबसाइट के रूप में प्रदर्शित किया जा सकता हैं.

(12) इन्टरनेट पर देश-विदेश सम्बन्धी रोचक तथा नवीन समाचार तुरन्त प्राप्त किया जा सकता हैं. कहने का मतलब है की देश-विदेश के किसी भी कौने में घटित घटनाएँ इन्टरनेट पर तुरंत उपलब्ध हो जाती हैं.

इन्टरनेट शब्दावली

WWW (world wide web) क्या हैं?

WWW को “World Wide Web” के नाम से जाना जाता हैं. वेब पेज की मदद से text, image, videos और multimedia को link करके उसे navigate किया जाता हैं. WWW में mil-lions files को हजारों कंप्यूटर पर store किया जाता हैं. जिसे वेब ब्राउज़र कहते हैं.

WWW की सहायता से internet resources को आसानी से access किया जाता हैं. वर्ल्ड वाइड वेब ढाचां दो नियमों के आधार पर बना हैं. जिसे HTP (Hyper Text Protocol) तथा HTML (HyperText Markup Language) कहा जाता हैं. प्रत्येक वेब पेज को अपनी सूचनाएँ अन्य कंप्यूटरों पर दिखने के लिए इनके नियमों का पालन करना अनिवार्य हैं. यदि कोई भी वेबसाइट इन नियमों का सही ढंग से पालन करती हैं. तो उसे किसी भी operating system पर चल रहे computer पर दिखा सकते हैं.

वर्ल्ड वाइड वेब की विशेषताएँ

world wide web की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं.

1. World wide web इन्टरनेट का एक part हैं. जो hypertext documents को सपोर्ट करता हैं.

2. प्रत्येक web page का एक पता होता हैं. जिसे URL (Uniform Resource Locator) कहते हैं.

3. वर्ल्ड वाइड वेब पूरी तरह user friendly हैं. कोई भी user इसका उपयोग बहुत ही आसानी से कर सकता हैं.

4. World wide web पूर्ण hypertext files और hypertext links की सुविधा देता हैं.

वेब पेज क्या हैं?

Internet या Web में Electronic Documents (विद्युतीय कागजात) का एक विश्वव्यापी संग्रह होता हैं. इस Web पर हर Electronic document एक वैब पेज कहलाता हैं. Web Page में Text, Picture, Graphics, Sound या Video के अलावा कई अन्य documents के ब्रिल्ट-इन कनेक्शंस भी होते हैं.

Web Page को जिस कंप्यूटर भाषा में लिखा जाता हैं. उसे HTML (HyperText Markup Language) कहते हैं. HTML क्या होता है? की पूरी विस्तृत जानकारी आपको इस लेख में मिल जाएगी.

वेब साइट क्या हैं?

एक Web Site कई वेब पेजों का संग्रह होता हैं. प्रत्येक वेबसाइट का अपना एक Address होता हैं. जिसे URL (Uniform Resource Locator) कहा जाता हैं. जैसे की मेरे वेबसाइट का नाम https://hinditok.com यहां https हाईपर टेक्स्ट ट्रान्सफर प्रोटोकॉल है तथा hinditok.com वेब ऐड्रेस हैं.

वेबसाइट को किसी कॉलेज, यूनिवर्सिटी, गवरन्मेंट, कंपनी, कोई संगठन या व्यक्ति द्वारा मैन्टेन किया जाता हैं. ज्यादातार Websites के शुरू में एक Home Page होता हैं. जो साइट में एक टेबल ऑफ कंटेन्ट्स के रूप में काम करता हैं.

Internet पर एक Website से दूसरे Website पर जाने की प्रक्रिया Net Surfing या Browsing कहलाता हैं. वेब साइट को वेब सर्वर पर स्टोर करके रखा जाता हैं. वेबसाइट बनाकर पैसे कैसे कमाए? जानने के लिए यह लेख पढ़े.

Web Server क्या हैं?

इंटरनेट पर जिस Computer में वेब पेज या वेब साईट को स्टोर करके रखा जाता हैं. उसे वेब सर्वर कहते हैं. किसी भी वेब पेज को आप तभी देख सकते हैं. जब वह वेब सर्वर पर उपलब्ध हो. सिंपल शब्दों में कहे तो Web Server एक ऐसा कंप्यूटर सिस्टम हैं. जो ऑनलाइन वेबसाइटों को चलाता हैं.

URL क्या हैं?

एक यू.आर.एल. (यूनिफोर्म रिसोर्स लोकेटर) या URL वैब पेज के लिए अद्वितीय होता हैं. यदि आपको URL का ज्ञान हैं. तो आप तुरंत किसी भी Web Page पर पहुँच सकते हैं.

एक Web Page में URL http (Hyper Text Transfer Protocol) से प्रारंभ होता हैं. जिसमें Computer का नाम, डायरेक्टरी नाम तथा वेब पेज का नाम दिया रहता हैं. URL क्या होता है और कैसे काम करता हैं? की पूरी जानकारी आपको इस लेख में मिल जाएगी.

Hyperlinks क्या हैं?

Web Page पर उपलब्ध Highlighted Text या Images को हाईपरलिंक कहा जाता हैं. हाईपरलिंक के द्वारा आप Web के अन्य पेजों से जुड़ सकते हैं. Hyperlinks की मदद से आप बहुत ही आसानी से एक Web Page से दूसरे Web Page पर जा कर सूचनाओं का छान-बीन करते हुए आगे बढ़ सकते हैं.

Hyperlinks वेब पेज पर अंडरलाइंड किया हुआ या रंगीन चित्रित के रूप में दिखाई देता हैं. जिसके कारण इनको पहचानना बेहद आसान हो जाता हैं. सिंपल शब्दों में कहे तो हाईपरलिंक की मदद से वेब पेज पर सम्बन्धित शब्दों को आपस में परस्पर जोड़ दिया जाता हैं.

होम पेज क्या होता हैं?

Browser का प्रारंभिक पेज Home Page के नाम से जाना जाता हैं. एक तरह से यह Website के लिए किताब का कवर या विषय क्रम बनाने वाली तालिका के रूप में काम करता हैं. होम पेज द्वारा उस साइट के उद्देश्य एवं विषय के बारे में सूचना मिल जाती हैं.

वेब ब्राउज़र क्या होता हैं?

वेब ब्राउज़र एक ऐसा प्रोग्राम हैं. जो हमें World Wide Web पर सूचनाओं को देखने तथा ढूँढने की सुविधा प्रदान करता हैं. सिंपल शब्दों में कहे तो इंटरनेट पर जिस प्रोग्राम द्वारा सर्फिंग की जाती है, उसे ब्राउजर कहते हैं. आजकल गूगल क्रोम ब्राउज़र का लोग ज्यादा प्रयोग करते हैं.

बुक मार्क्स या फैवरेट्स

कुछ महत्त्वपूर्ण सूचनाओं को लोग भविष्य में प्रयोग के लिए सेव करके रखना चाहते हैं. Web Browsers बुकमार्क्स की सुविधा प्रदान करते हैं. जिसकी मदद से आप आपके प्रिय साईट्स के पते (address) को सेव करके रख सकते हैं.

हिस्टरी लिस्ट

Website Browsing करते समय सभी ब्राउज किए हुए Pages और विज़िट की हुए Sites को याद रखना मुश्किल काम हैं. इसी मुश्किल काम को आसान बनाने के लिए Web Browser में एक History List दी गई हैं. जिसकी मदद से आप हाल ही में विज़िट किए हुए उन सभी Web Pages पर पुनः और तुरंत पहुँच सकते हैं.

सर्च इंजन (Search Engine)

‘सर्च इंजन’ (Search Engine) एक ऐसी तकनीक हैं. जिसके द्वारा किसी भी विषय से सम्बन्धित विश्वव्यापी सूचनाएँ सरलता तथा शीघ्रता से प्राप्त की जा सकती हैं. सर्च इंजन informations को खोजने के लिए Browser का उपयोग करते हैं. गूगल (Google), याहू (Yahoo), Bing (बिंग), रेडिफ (Rediff) इत्यादि सर्च इंजन के कुछ मुख्य उदाहरण हैं. सर्च इंजन क्या है और कैसे कार्य करता हैं? जानने के लिए यह लेख पढ़े.

गूगल सर्च इंजन – Google Search Engine की रूपरेखा वर्ष 1996 में दो पी. एच-डी. के छात्रों ने तैयार की थी. इसे सन 1997 में रजिस्टर किया गया तथा वर्ष 1998 में एक प्रतिष्ठित कम्पनी द्वारा अधिकृत कर लिया गया. वर्तमान समय में Google एक बहुप्रतिष्ठित अन्तर्राष्ट्रीय कम्पनी हैं. Google Search Engine की मदद से आप विश्व में ऑनलाइन उपलब्ध सूचनाओं को आसानी से खोज सकते हैं.

FTPS क्या हैं?

File Transfer Protocol एक होस्ट से दूसरे होस्ट को File Transfer के लिए प्रयोग किए जाने वाला एक मानक नेटवर्क प्रोटोकॉल हैं.

यह Client Server Architecture पर निर्मित होता हैं. जो Client और Server के मध्य एक पृथक् नियंत्रण और डाटा संयोजन का उपयोग करता हैं. FTPs User स्वयं को Username और Password द्वारा प्रमाणित करते हैं. लेकिन Server को यदि निर्देशित किया गया हैं. तो गुमनाम रूप से भी जुड़ सकता हैं.

FTP का मुख्य कार्य हैं. किसी सामान्य Server पर उपलब्ध Websites से Files को Transfer करना यानी Downloading करना तथा Files को अपने कम्प्यूटर से किसी FTP Server पर भेजना यानी Uploading करना हैं.

इन्टरनेट द्वारा डाउनलोड एवं अपलोड करना

Internet एक ऐसा माध्यम हैं. जिससे Users अपनी आवश्यकता के अनुसार विषय सामग्री, चलचित्र, वीडियो, ऑडियो फाइल इत्यादि को Search करके उसे देखने के साथ-साथ Download भी कर सकते हैं. इसके अलावा स्वयं के पास मौजूद फाइल (डाटा) जो किसी भी माध्यम में ही क्यों न हो. उसे इन्टरनेट वेबपेज पर Upload भी कर सकते हैं.

डाउनलोडिंग

इन्टरनेट द्वारा PDF Files, Songs या Video डाउनलोड करने के लिए आपको सर्वप्रथम गूगल या किसी अन्य ब्राउजर पर उपर्युक्त तीनों से सम्बन्धित वेबसाइट ओपन करना हैं. फिर उस वेबपेज पर आपको Songs तथा Video से सम्बन्धित कई तरह के विकल्प प्राप्त होगे. आप अपनी इच्छानुसार किसी का भी चयन करके Download के ऑप्शन पर क्लिक करके चुने गए Songs या Video को सीधे डाउनलोड कर सकते हैं.

लेकिन आप यदि किसी PDF File को Download करना चाहते हैं. तो आपको सबसे पहले उसे सेव करना होगा. तत्पश्चात् ही वह पीडीएफ फाइल डाउनलोड होगा.

अपलोडिंग

इन्टरनेट द्वारा PDF Files, Songs या Video को Upload करने के लिए आपको सर्वप्रथम उस वेबसाइट को ओपन करना हैं. जहाँ आप उपर्युक्त तीनों फाइलों को अपलोड करना चाहता हैं. वेबसाइट ओपन होने के बाद आप अपने सिस्टम में सुरक्षित पीडीएफ फाइल, गाना या वीडियो को सलैक्ट करें और Upload के बटन पर क्लिक करके उसे अपलोड कर दे.

नेटवर्क क्या हैं?

नेटवर्क कंप्यूटर और उपकरणों का एक ऐसा समूह हैं. जो एक कम्युनिकेशन चैनल से जुड़े रहते हैं. इसके जरिए User Data, जानकारी, हार्डवेयर और सॉफ्टवेर को दूसरे User के साथ शेयर कर सकता हैं. निजी व संस्थानों को कई वजहों से एक नेटवर्क में जोड़ा जाता हैं. इसमें डाटा, जानकारी, हार्डवेयर और सॉफ्टवेर को शेयर करने की और कम्युनिकेशन स्थापित करने की क्षमता होती हैं. भौगोलिक मापदण्ड के आधार पर नेटवर्क को निम्न तीन भागों में बाटा जा सकता हैं.

  1. LAN (Local Area Network)
  2. MAN (Metropolitan Area Network)
  3. WAN (Wide Area Network)

लोकल एरिया नेटवर्क (LAN)

Local Area Network एक सिमित क्षेत्र के अन्दर जुड़े Computers का नेटवर्क हैं. इनका क्षेत्र एक भवन अथवा एक परिसर हो सकता हैं. जो कुछ एक निश्चित स्थानीय दूरी तक फैला होता हैं. Local Area Network का उपयोग मुख्य रूप से किसी संगठन (Organization) द्वारा किया जाता हैं. जो संगठन के अन्दर आंकड़ों तथा सूचनाओं का आदान-प्रदान करना चाहते हैं.

मैट्रोपॉलिटन एरिया नेटवर्क (MAN)

यह Network किसी महानगर की अनेक इमारतों में रखे कम्प्यूटरों को आपस में जोड़ता हैं. इसका आकार Local Area Network की तुलना में अत्यधिक विस्तृत होता हैं. इस प्रकार के Network में Computers की संख्या भी Local Area Network के कम्प्यूटरों की संख्या से अधिक होती हैं.

वाइड एरिया नेटवर्क (WAN)

यह एक सार्वजनिक Network हैं. इनका भौगोलिक क्षेत्रफल सम्पूर्ण विश्व हैं. इसका कार्यक्षेत्र कई महाद्वीपों तक फैला हुआ है तथा यह एक देश के कम्प्यूटरों को दूसरे देश के कम्प्यूटरों से जोड़ने के उपयोग में लाया जाता हैं. भौगोलिक दृष्टि से हजारों किलोमीटर दूर स्थित कम्प्यूटरों की नेटवर्किंग को Wide Area Network कहते हैं.

Wide Area Network में दो या दो से अधिक Local Area Network को जोड़ा जा सकता हैं. Internet इसी Network का एक उदाहरण हैं. जो वर्तमान समय में सबसे अधिक लोकप्रिय नेटवर्क बन गया हैं.

इंटरनेट के लाभ (Uses of Internet in hindi)

इंटरनेट के बहुत सारे लाभ हैं. उनमें से कुछ प्रमुख लाभ निम्न हैं.

1. इंटरनेट पर E-मेल द्वारा दूसरे लोगों को सन्देश भेजा जा सकता हैं.

2. इंटरनेट द्वारा Audio तथा Video Conferencing कर सकते हैं.

3. Internet की मदद से आप नौकरी खोज सकते हैं.

4. इंटरनेट द्वारा आप विश्व के किसी दूसरे कोने पर बैठे लोगों से सूचना का आदान-प्रदान सकते हैं.

5. Internet की सहायता से आप अपना भविष्यफल जान सकते हैं.

6. इंटरनेट द्वारा आप किसी दूसरे व्यक्ति से Chat कर सकते हैं.

7. Internet की मदद से आप किसी File को डाउनलोड और अपलोड कर सकते हैं.

8. इंटरनेट पर आप Game खेल सकते हैं.

9. Internet पर आप खरीदारी कर सकते हैं.

10. इन्टरनेट की मदद से आप घर बैठे पैसे कमा सकते हैं. आज लोग ब्लॉगिंग, Youtube, Freelancing इत्यादि की मदद से लाखों रुपये कमा रहे हैं.

इन्टरनेट से हानि

कहते है हर चीज़ के दो पहलू होते हैं. पहला लाभ और दूसरा हानि. ठीक उसी तरह इन्टरनेट से भी लाभ और हानियाँ दोनों हैं. आइए इंटरनेट के नुकसान (Disadvantages of Internet) के बारे में भी जान लेते हैं.

1. समय का दुरुपयोग: लोग अपना ज़रूरी काम छोड़कर इन्टरनेट पर बेकार के कामों में अपना ज्यादा समय बिताते हैं. समय का दुरुपयोग करने के कारण उन्हें फायदे के जगह नुकसान हो जाता हैं.

2. इंटरनेट का दुरूपयोग: इन्टरनेट पर कोई भी फ़ोटो या विडियो बहुत तेज़ी से वायरल हो जाती हैं. जिसके कारण कुछ लोग अपनी दुश्मनी निकालने के लिए इन्टरनेट का दुरूपयोग करते हैं.

3. इन्टरनेट का बच्चों पर ग़लत प्रभाव: इंटरनेट पर कई ऐसी बेकार की वेबसाइट मौजूद हैं. जिनका बच्चों पर गलत प्रभाव पड़ता हैं.

4. पर्सनल डाटा चोरी होना का ख़तरा: इन्टरनेट पर लोगों के पर्सनल डाटा चोरी होने का खतरा बना रहता हैं.

5. इंटरनेट इस्तेमाल करने के लिए पैसे खर्च करने पड़ते हैं. यदि आप इन्टरनेट का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं. तो आपको ज्यादा पैसे भी खर्च करने होगे.

इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (INTERNET SERVICE PROVIDER)

इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर वह कम्पनी हैं. जो उपयोगकर्ताओं को इंटरनेट सेवाएं उपलब्ध कराती हैं. इन्हें संक्षेप में ISP (Internet Service Provider) कहा जाता हैं. पूरे विश्व में हजारों ऐसी कम्पनियां हैं. जो लोगों को Internet की सेवाएं उपलब्ध कराती हैं. भारत में इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर कराने वाली कुछ प्रमुख कम्पनियां निम्न हैं.

  • Reliance Jio Infocomm limited
  • Bharti Airtel Limited
  • Vodafone Idea limited
  • Bharat Sanchar Nigam Limited (BSNL)
  • MNTL Limited

भारत में इंटरनेट सेवा का प्रारम्भ

भारत में इंटरनेट सेवा का प्रारम्भ सर्वप्रथम अगस्त माह सन् 1995 में विदेश संचार निगम लिमिटेड द्वारा प्रारम्भ किया गया था. यह आई-नेट नाम से सार्वजनिक नेटवर्क क्षेत्र में प्रारम्भ की गयी थी. यह दो प्रकार की होती हैं.

1. शैल एकाउण्ट: इस सुविधा में केवल लिखित सामग्री का ही संचार किया जा सकता हैं. इसमें user के computer को सीधे आई-नेट के एक नोड की भांति जोड़ दिया जाता हैं.

2. TCP/IP एकाउण्ट: इस सुविधा में user एक टेलीफोन लाइन के माध्यम से इंटरनेट से जुड़ता हैं. इस सुविधा के अन्तर्गत मल्टीमीडिया डाटा, चलचित्र तथा आवाज का संचार किया जा सकता हैं.

इंटरनेट की सुविधा लेने के लिए आवश्यक सामग्री

इंटरनेट सुविधा लेने के लिए आपको निम्नलिखित सामग्रियों की आवश्यकता पड़ती है:

  • एक तीव्र गति का कम्प्यूटर.
  • एक आन्तरिक या बाह्य मॉडम.
  • टेलीफोन लाइन.
  • इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर द्वारा प्रदान कनेक्शन.
  • वेब ब्राउजर जैसे की Internet Explorer, Google Chrome इत्यादि.
  • ई-मेल सॉफ्टवेयर जैसे की Outlook Express इत्यादि.

इन्टरनेट से जुड़ा बहुविकल्पीय प्रश्न

1. WWW का पूरा नाम क्या हैं?

(i) Working Without Worry

(ii) World Wide Web

(iii) World Wide Working

(iv) इनमें से कोई नहीं।

उत्तर- (ii)

2. FTP का पूरा नाम क्या हैं?

(i) हाईपर टैक्स्ट प्रोटोकॉल

(ii) फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल

(iii) फाइल टैक्स्ट प्रोटोकॉल

(iv) इनमें से काई नहीं।

उत्तर– (ii)

3. इन्टरनेट पर मुख्य रूप से प्रचलित सेवा हैं.

(i) ई-मेल

(iii) फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल

(ii) वर्ल्ड वाइड वेब

(iv) ये सभी।

उत्तर- (i)

4. इन्टरनेट पर किसी भी व्यक्ति से बातचीत करने की सुविधा को क्या कहते हैं?

(i) इन्टरनेट ई-मेल

(ii) इन्टरनेट चैटिंग

(iii) टेलनेट

(iv) अन्य कोई।

उत्तर- (ii)

5. फाइलों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानान्तरित करने के लिए सेवा काम लायी जाती है.

(i) टेलनेट

(ii) गोफर

(iii) फाइल ट्रान्सफर प्रोटोकॉल

(iv) ई-कॉमर्स

उत्तर- (iii)

6. दूर स्थित व्यक्तियों तथा संस्थाओं द्वारा इन्टरनेट का उपयोग करते हुए वस्तुओं तथा सेवाओं, खरीद-बिक्री या लेन-देन किया जाता है, उस सुविधा को क्या कहते हैं?

(i) ग्रोफर

(ii) ई-कॉमर्स

(iii) ई-मेल

(iv) आर्ची

उत्तर- (ii)

7. इन्टरनेट पर सूचनाओं एवं आँकड़ों के आदान-प्रदान के लिए पूर्व परिभाषित नियम, प्रक्रियाएँ एवं सन्धियाँ क्या कहलाती हैं?

(i) प्रोटोकॉल

(ii) ऑटोकॉल

(iii) पीटीकॉल

(iv) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- (i)

8. TCP तथा IP मिलकर इन्टरनेट की जिस भाषा का निर्माण करते हैं, उसे क्या कहा जाता हैं?

(i) TCP/IP

(ii) INTERNET LAN

(iii) Esperanto

(iv) इनमें से कोई नहीं.

उत्तर- (iii)

9. शैक्षणिक संस्थाओं के लिए निर्धारित किया गया DNS हैं.

(i) .com

(ii) .edu

(iii) .scl

(iv) इनमें से कोई नहीं.

उत्तर–(ii)

इस लेख की मदद से आपने इंटरनेट क्या है? What is internet in hindi की पूरी जानकारी विस्तृत रूप में प्राप्त कर ली हैं. उम्मीद करता हूँ internet kya hota hai? इन्टरनेट का इतिहास और इंटरनेट की कार्य (Working) प्रणाली के विषय में अच्छे से जान लिया होगा.

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