4GL भाषा क्या हैं? | Fourth Generation Language in hindi

4GL भाषा क्या हैं? 4GL से आप क्या समझते हैं? Fourth Generation Language kya hai? What is Fourth Generation Language in hindi? जैसा की नाम से ही पता चल रह है की 4GL (Fourth Generation Language) “चौथी पीढ़ी की भाषा” हैं. 4GL भाषा बहुत ही आधुनिक तथा उच्च स्तरीय भाषाओं (HLL) से भी अधिक simple एवं user friendly हैं.

4GL भाषाओं को ऐसी Facility प्रदान की गयी हैं की इसमें Code लिखने के skills की भी जरूरी नहीं पड़ती हैं. एक साधारण Programmer, जिसे computer system का code लिखने तथा program develop करने की प्रक्रिया का ज्ञान नहीं है. वह भी ऐप्लीकेशन तैयार कर सकता हैं.

चलिए सिख लेते है की 4GL भाषा क्या हैं? What is Fourth Generation Language in hindi? 4gl full form in computer, 4जीएल भाषा के उदाहरण क्या हैं?

4GL भाषा क्या हैं? Fourth Generation Language in hindi

Fourth Generation Language in hindi

चौथी पीढ़ी की प्रोग्रामिंग भाषाएँ 4GL (Fourth Generation Language) कहलाती हैं. ये भाषाएँ अत्यन्त ही सरल एवं user friendly होते हैं. इस भाषा की मदद से बहुत ही कम code लिखकर पूरा प्रोग्राम तैयार किया जा सकता हैं. 4GL भाषा End User Oriented तथा Non-Procedural होते हैं.

उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषाओं का प्रयोग System Software निर्माण के लिए अधिक उपयुक्त हैं. लेकिन 4GL भाषाएँ Application Software के निर्माण के लिए अधिक उपयुक्त हैं. 4GL भाषा non-procedural हैं. इनमें प्रोग्रामर मात्र यह बताता है कि “क्या करना हैं?”, “कैसे करना है?”

उदाहरण के लिए मान लीजिए एक फाइल के ‘A’ अक्षर से शुरू होने वाले नाम के रिकॉर्ड को प्रिन्ट करना हैं. तो इस कार्य के लिए यदि उच्च स्तरीय भाषा में code लिखा जाए. तो code बहुत लम्बा होगा तथा उसे लिखने, test करने और run करने में अधिक समय लगेगा. लेकिन यही कार्य जब 4GL भाषा जैसे ‘DBASE’ मे या FOXPRO’ में किया जाए. तो SEARCH, LIST, PRINT जैसे दो तीन कमाण्ड रन करने से ही काम हो जाएगा.

4GL भाषाएँ अत्यधिक user friendly होते हैं. उनमें ऐसे अनेक कार्य मात्र एक command run करके से पूर्ण हो जाते हैं. जबकि HLL में पूरा प्रोग्राम लिखना पड़ता है. कुछ 4GL भाषाओं को Programmer, कम्प्यूटर विशेषज्ञ के बजाए साधारण User को ध्यान में रखकर डिजाइन करता है, जिन्हें end-user-oriented 4GL कहा जाता हैं.

4GL भाषाओं में विकसित किए गए Software को व्यवस्थित रखना एवं समय के साथ उनमें सुधार (maintenance) करना भी सरल हैं. उच्चतम स्तर की 4GL भाषाओं में ऐसे अनेक सहयोगी प्रोग्रामों का समावेश होता है. जो कि अनेक प्रकार की application बनाने में विशेष सहायता देते हैं.

4GL भाषा मानवीय भाषा के बहुत करीब हैं. इसकी grammar, syntax, rule, भाषा सब कुछ अत्यन्त सरल है। आइए 4GL भाषा के एक-दो उदाहरण देखते हैं.

4GL Command के कुछ उदाहरण

  • (1) FIND ALL RECORD WHERE NAME IS “VIKAS”

इस Command को Run करने पर फाइल में पड़े वे सारे Records आपके सामने आ जाएंगे. जिनमें “VIKAS” नाम हैं.

  • (2) PRINT RECORD WHERE AGE > 25

इस Command की मदद से वह सभी Records Print हो जाएंगे. जिनमें AGE का मान 25 से अधिक हैं. लेकिन यही कार्य जब HLL द्वारा किया जाएगा. तो इनके लिए पूरा एक program लिखना पड़ेगा.

4GL भाषाएँ सामान्यतः किसी न किसी Database से Communicate करती हैं. इन भाषाओं का अपना Database Management System होता हैं. जिसके द्वारा ये Data को व्यवस्थित करती हैं, ऐक्सेस करती हैं, फाइलों को read/write करती है, इत्यादि.

End-User-Oriented 4GL क्या हैं?

किसी company जैसे Bank के Database को अनेक Users Access करते हैं और उसमें store information जो कि रिकॉर्ड के रूप में store रहती हैं. उसे प्रोसेस यानी रीड/राइट/अपडेट करते हैं. ऐसे user को End user कहा जाता हैं.

ऐसे Users को ही ध्यान में रखकर End-User-Oriented 4GL भाषाएँ डिजाइन की गई हैं. इन भाषाओं का अपना DBMS Package होता है. जो main computer पर run होता हैं. अनेक End user अपने Terminal से Main computer पर स्थित DBMS Package की सुविधाओं के द्वारा application बना सकते हैं, पूछताछ (query) कर सकते हैं.

Database से ऐसे Record को Access करना, जो एक विशेष condition को satisfied करते हैं. पूछताछ करना कहलाता हैं. जैसे-“Display record where name=Vikas”. इस पूछताछ से Vikas नाम के store record screen पर show होगे.

Non-Procedural 4GL क्या हैं?

Procedure का मतलब होता है ‘विधि’. Computer द्वारा किसी भी कार्य को करने का एक प्रोसीजर होता हैं. प्रोसीजर में कुछ instructions एक क्रम में व्यवस्थित होते हैं. जो क्रमशः execute होकर उस कार्य को सम्पादित करते हैं. Procedure को हम function, sub-routines अथवा sub-program कहते हैं.

4GL भाषाओं में programmer द्वारा की जा रही programming में केवल यह बताया जाता है की क्या करना है? वह काम कैसे होगा, इसके लिए 4GL भाषाओं के Package में अपने प्रोसीजर होते हैं. जिन्हें in-built function कहते हैं. Programmer को ज्यादा प्रोग्रामिंग करने की आवश्यकता नहीं होती हैं. इसलिए 4GL भाषाओं को Non-procedural भाषाएँ कहा जाता हैं.

4GL भाषाओं के कुछ उदाहरण

4GL भाषाओं के कुछ प्रमुख उदाहरण निम्नलिखित हैं.

DBASE, MS-ACCESS, FOXPRO, ORACLE, INFORMIX, SYBASE, PROGRESSIVE, MSSQL इत्यादि हैं.

4GL भाषाओं की विशेषताएँ क्या हैं?

4GL भाषाओं में ऐसी अनेक विशेषताएँ हैं. जो कि इससे पहली पीढ़ी में नहीं थी.

  • (i) 4GL भाषाओं की मदद से कम लागत एवं कम समय में अच्छे Software तैयार हो सकते हैं. इस language के द्वारा किसी भी प्रकार का सॉफ्टवेयर बनाया जा सकता हैं.
  • (ii) 4GL भाषा के एक line का code, HLL के पूरे program के जितना कार्य कर सकता हैं.
  • (iii) 4GL भाषा को सीखना तथा इनका प्रयोग करना अत्यधिक सरल हैं. इनमें code लिखने के लिए कोई विशेषज्ञता की आवश्यकता नहीं हैं.
  • (iv) 4GL भाषा में लिखे गए program की testing, error correction, code में परिवर्तन तथा सुधार इत्यादि करना बहुत ही सरल हैं.
  • (v) 4GL किसी भी प्रकार की machine पर निर्भर नहीं हैं. एक machine पर लिखा program अनेक मशीनों पर चल सकता हैं.

उम्मीद करते अब आप समझ गए होगे की 4GL भाषा क्या हैं? What is Fourth Generation Language in hindi? यदि आपको यह जानकारी “Fourth Generation Language in hindi” अच्छी लगी हो. तो आपसे एक अनुरोध है की आप इस लेख को अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया साइट्स पर जरूर शेयर करें.

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